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‘अशिष्ट टिप्पणी’ के लिए माफी मांगें विजयन : कांग्रेस

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'अशिष्ट टिप्पणी' के लिए माफी मांगें विजयन : कांग्रेस

तिरुवनंतपुरम | कांग्रेस ने रविवार को मांग की कि केरल के मुख्यमंत्री पिनारई विजयन पूर्व मंत्री पी.एस.नटराज पिल्लई के खिलाफ अपनी ‘अशिष्ट टिप्पणी’ के लिए माफी मांगें। कांग्रेस की केरल इकाई के अध्यक्ष वी. एम. सुधीरन ने यहां मीडिया से कहा कि विजयन की टिप्पणी एक मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार नहीं है।

सुधीरन ने कहा, “अब सबसे अच्छा कार्य जो विजयन कर सकते हैं वह यह है कि जल्द से जल्द पिल्लई के परिवार से माफी मांग सकते हैं। यह सबसे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण है कि विजयन ने नटराज पिल्लई को ‘कोई पिल्लई’ के रूप में संबोधित किया।”

विजयन ने शनिवार को नटराज पिल्लई के खिलाफ कठोर टिप्पणी की, जब उनसे राजधानी में स्थित केरला लॉ अकादमी के कब्जे की करीब 12 एकड़ की जमीन के एक विवाद पर टिप्पणी करने को कहा गया।

लॉ अकादमी के छात्र अनिश्चितकालीन धरने पर हैं। वे प्राचार्य लक्ष्मी नायर के ‘कुप्रबंधन और रूखे व्यवहार’ के लिए इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।

अकादमी के कब्जे में जो जमीन है, वह वास्तविक रूप से नटराज पिल्लई की है। इस भूमि को त्रावणकोर के दीवान सी.पी.रामास्वामी ने पिल्लई द्वारा आजादी के संघर्ष में भाग लेने की सजा के रूप में ले लिया था।

पिल्लई का राज्य की राजनीति में एक सम्मानित स्थान है। उन्होंने त्रावणकोर-कोचीन के लिए वित्त राज्य मंत्री (1954-55) के रूप में कार्य किया।

वह संविधान सभा (1948-50), त्रावणकोर विधानसभा (1944-47 और 1948-50) और त्रावणकोर-कोचीन विधानसभा (1951 और 1954-57)के भी सदस्य रहे।

पिल्लई ने तीसरी लोकसभा में एक निर्दलीय के तौर पर तिरुवनंतपुरम का प्रतिनिधित्व किया था। उनका निधन 1966 में हुआ।

बीते सप्ताह नटराज पिल्लई के बेटे एन. वेंकटेशन ने सरकार से मांग की कि केरल लॉ अकादमी के कब्जे से 11.49 एकड़ की जमीन वापस ली जाए क्योंकि अकादमी इसका वाणिज्यिक दोहन करने का प्रयास कर रही है।

विजयन ने कहा कि उनकी सरकार की इस प्रकार का कुछ भी करने की कोई योजना नहीं है जैसा कि ‘कोई पिल्लई’ परिवार के सदस्य कह रहे हैं।

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बदल गई उपचुनावों की तारीख! यूपी, केरल और पंजाब में बदलाव पर ये बोला चुनाव आयोग

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नई दिल्ली। विभिन्न उत्सवों के कारण केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे। कांग्रेस, भाजपा, बसपा, रालोद और अन्य राष्ट्रीय और राज्य दलों के अनुरोध पर चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है।

विभिन्न उत्सवों की वजह से कम मतदान की किसी भी संभावना को खारिज करने के लिए, चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है। ऐसे में ये साफ है कि अब यूपी, पंजाब और केरल में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे।

चुनाव आयोग के मुताबिक राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पार्टियों की ओर से उनसे मांग की गई थी कि 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीख में बदलाव किया जाए, क्योंकि उस दिन धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम हैं। जिसके चलते चुनाव संपन्न करवाने में दिक्कत आएगी और उसका असर मतदान प्रतिशत पर भी पड़ेगा।

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