उत्तराखंड
उत्तराखण्ड में त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे में ईवीएम की हो रही निगरानी
देहरादून । उत्तराखंड में सभी सीटों के लिए 11 मार्च को होने वाली मतगड़ना को लेकर प्रदेश भर में निर्वाचन आयोग द्वारा इवीएम की सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
राज्य के सभी 70 सीटों के लिए 13 जिलों के सत्तर स्ट्रांग रूम में 10854 मतदान केन्द्रों में प्रयोग की गर्इं 10685 सीयू ईवीएम और 11240 बीयूबी ईवीएम मशीनें पर चौबीस घंटे सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जा रही हैं।
सुरक्षा व्यवस्था के तहत स्ट्रांग रूमों के बाहर सबसे पहले आइटीबीपी के जवान अत्याधुनिक शस्त्रों के साथ तैनात हैं। दूसरे चक्र में पीएसी के हथियारबंद जवान हैं। तीसरा घेरे में उत्तराखंड पुलिस के जवान एक सब इंस्पेटर की अगुवाई में तैनात हैं।
इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन की सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्रीय अर्धसुरक्षा बल, भारतीय तिब्बत सीमा सुरक्षा बल (आइटीबीपी) को सौंपी गई है। सुरक्षा के लिए प्रदेश भर में आइटीबीपी की छत्तीस कंपनियां लगी हैं।
एक जिले में आइटीबीपी की दो प्लाटून, एक पीएसी की गारद और उत्तराखंड पुलिस की आठ सदस्यीय टीम आठ-आठ घंटे की ड्यूटी तीन-तीन शिफ्टों में कर रही है। इसके अलावा आठ-आठ घंटे की तीन की शिफ्टों में एक राजपत्रित अधिकारी स्ट्रांग रूम की सुरक्षा में तैनात है।
इस तरह पूरे प्रदेश में ईएमवी की सुरक्षा के लिए आइटीबीपी के चार हजार जवान, पीएसी के इक्कीस सौ जवान और उत्तराखंड पुलिस के एक हजार सात सौ जवान चौबीस घंटे तीन शिफ्टों में ड्यूटी कर रहे हैं।
उत्तराखंड
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।
कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।
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