अन्तर्राष्ट्रीय
संयुक्त राष्ट्र की ‘शांति दूत’ बनेंगी मलाला यूसुफजई
इस्लामाबाद | नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई संयुक्त राष्ट्र की ‘शांति दूत’ बनेंगी। मलाला संयुक्त राष्ट्र की अब तक की सबसे कम उम्र की शांति दूत होंगी। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस न्यूयॉर्क मुख्यालय में एक कार्यक्रम के दौरान 10 अप्रैल को यूसुफजई (19) को सम्मानित करेंगे। मलाला अपनी नई भूमिका के तहत दुनिया भर में लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देंगी।
डेली पाकिस्तान की शनिवार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कार्यक्रम के बाद गुटेरेस, यूसुफजई तथा दुनिया भर से आए अन्य युवा प्रतिनिधियों के बीच लड़कियों की शिक्षा के विषय पर एक संवाद होगा। शांतिदूत के लिए शुक्रवार को मलाला के चयन पर गुटेरेस ने कहा, “गंभीर खतरों के बीच भी मलाला यूसुफजई ने महिलाओं, लड़कियों तथा सभी लोगों के अधिकारों के प्रति अटूट प्रतिबद्धता दिखाई है।”
उन्होंने कहा, “लड़कियों की शिक्षा के लिए उनकी उत्साहित करने वाली गतिविधियों ने पहले ही दुनिया भर के लोगों को ऊर्जा से भर दिया है। अब हमारी सबसे युवा शांति दूत के रूप में मलाला एक न्यायसंगत तथा शांतिपूर्ण दुनिया के निर्माण के लिए और अधिक मदद कर सकती हैं।”
पाकिस्तान की स्वात घाटी में पैदा हुईं मलाला उस वक्त अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आईं, जब लड़कियों की शिक्षा के अधिकार के लिए लड़ते हुए उन्हें नौ अक्टूबर, 2012 को तालिबान द्वारा गोली मार दी गई। उन्होंने तालिबान द्वारा महिलाओं की शिक्षा पर लगाए गए प्रतिबंध का विरोध किया था। युसूफजई को साल 2014 में शांति का नोबेल पुरस्कार मिला। वह सबसे कम उम्र में नोबेल पुरस्कार जीतने वाली शख्स हैं।
IANS News
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।
इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।
इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
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