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लाइफ स्टाइल

इन छोटी-छोटी बातों से वैवाहिक जीवन में बनी रहेगी मधुरता

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नई दिल्‍ली। सुखी व खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत नहीं है बल्कि छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देकर भी दांपत्‍य रिश्ते में मधुरता लाई जा सकती है।

अक्‍सर महिलाएं कहती हैं कि मेरे घर में मेरी भावनाओं और तकलीफों को समझने के लिए मेरे पति तैयार ही नहीं हैं। सुबह बच्चों के लिए नाश्ता तैयार करना। फिर उन्हें तैयार करना।

इसके बाद इनके लिए नाश्ता और फिर तुरंत खाना बनाकर देना होता है तो दूसरी तरफ मुझे भी अपने ऑफिस समय पर पहुंचने की जल्दी होती है। घर में होते हुए भी यह मेरी मदद करने के लिए आगे नहीं आते हैं।

कामकाजी व वर्किंग दोनों जिम्‍मेदारियों को निभाने वाली इन महिलाओं को लगता है कि हमारे घरवालों को ऐसा महसूस होता है कि जैसे में कोई मशीन हूं कि बस बटन दबाते जाओ और सारे फंक्शन पूरे होते जायेंगे।

थोड़ी समझदारी से रिश्तों में भावनात्मक लगाव बढ़ाया जा सकता है। रिलेशनशिप एक्सपट्र्स का भी कहना है कि बहुत सी बातों को आपसी बातचीत के जरिए सुलझाया जा सकता है।

शेयरिंग जरूरी 

रिलेशनशिप एक्सपर्टस का कहना है कि कैसी भी बात हो दिल में दबाकर रख लेने से वह अंदर ही अंदर बढ़ती जाती है। इसलिए कैसी भी बात हो, उसे सलीके से और विनम्रतापूर्वक साथी के सामने रखें।

इसके साथ ही साथी की बातें ध्यान से सुनने और समझने का प्रयास करना चाहिए। अपने पार्टनर पर हावी नहीं होना चाहिए, न ही हर मामले में अपनी बात मनवाने की जिद करनी चाहिए।

यह बात दोनों पर समान रूप से लागू होती है। कारण, ऐसा करने से साथी को महसूस होगा कि आप उसकी बातों को नजरअंदाज करती हैं। साथ ही आपको उनकी इच्छा-अनिच्छा की परवाह नहीं है।

सम्मान की भावना

दूसरे रिश्तों की तरह दांपत्य में भी एक-दूसरे का सम्मान करना बहुत जरूरी है। अगर दोनों एक-दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश करेंगे तो जाहिर है कि इस व्यवहार से दोनों को ही नुकसान होगा। सफल वैवाहिक जीवन के लिए जरूरी है कि एक-दूसरे के मन में दोनों के सम्मान की भावना होनी चाहिए।

खुशहाल वैवाहिक जीवन इस बात पर निर्भर नहीं करता है कि आप कितने पढ़े-लिखे या कितने पैसे वाले हैं, बल्कि इस बात पर निर्भर करता है कि आप अपने साथी का कितना सम्मान करते हैं।

पुरानी बातें लेकर न बैठें

वैवाहिक जीवन में अक्सर खटास इस वजह से भी उत्पन्न होने लगती है, क्योंकि पति-पत्नी दोनों अक्सर पुरानी बातों की पोटली खोलकर चर्चा करने लगते हैं। इसलिए कोई भी मौका हो या कोई भी बात, पुरानी बातों की पोटली खोलकर न बैठ जाएं। इससे दांपत्य जीवन में व्यर्थ में तनाव उत्पन्न हो जाता है।

क्वालिटी टाइम बिताएं

आजकल अधिकांश पति-पत्नी कामकाजी होते हैं। खासकर अगर दोनों जिम्मेदारी वाले पद पर हैं तो तब तो दोनों के पास समय का अभाव होना लाजिमी है। ऐसे में जरूरी है कि क्वाटिंटी टाइम बिताने के स्थान पर एक-दूसरे को क्वालिटी टाइम दें। इस दौरान हमेशा घर-परिवार की चर्चा करने से बचें।

सबसे खास बात यह है कि इस दौरान आप अपने दिल की वे बातें भी कह सकती हैं, जो बहुत दिनों से कहना चाह रहींथीं, लेकिन समय न मिल पाने के कारण आप कह नहीं पा रहीं थीं।

गिफ्ट करते हैं असर

दांपत्य में मजबूती लाने के लिए यह जरूरी नहीं है कि आप अपने साथी को महंगे गिफ्ट ही प्रदान करें। छोटी-छोटी वस्तुओं के आदान-प्रदान से एक-दूसरे के दिल में गहरी पैठ बनाई जा सकती है।

प्रेम से दिया हुआ एक गुलाब का फूल वो असर कर जाता है, जो कोई महंगी वस्तु भी नहीं कर सकती है। अपने साथी के लिए कभी रुमाल, पर्स, की-रिंग, गजरा आदि देकर उसकी खुशी में चार चांद लगा सकते हैं।

जिम्मेदारियां बांटें

कई बार ऐसा होता है कि आपका जीवनसाथी आपकी समस्याओं को समझकर खुद अपना हाथ आगे बढ़ा देता है कि मैं तुम्हारी क्या मदद कर सकता हूं तो दूसरी ओर ऐसा भी होता है कि वह आसानी से नहीं समझ पाता है।

ऐसे में जरूरी हो जाता है कि आप अपनी जिम्मेदारियों के बारे में आपस में चर्चा करें, जो जिम्मेदारियां वे उठा सकते हैं उनके लिए उन्हें धीरे-धीरे तैयार करें।

स्वास्थ्य का ध्यान

आप कितनी ही व्यस्त क्यों न रहती हों, अपनी ओर अपने साथी की सेहत का ध्यान रखना भी आपकी जिम्मेदारी है। आप चाहें तो सुबह या शाम के समय साथ-साथ टहलने जाएं। आप घर पर भी साथ-साथ एक्सरसाइज, मेडिटेशन आदि कर सकती हैं।

स्पर्श में जादू है

दांपत्य जीवन में ताजगी बनाए रखने के लिएजरूरी है कि समय- समय पर एक-दूसरे के प्रति स्नेह और प्रेम भरा व्यवहार भी जरूरी है। यह तो आपने भी महसूस किया होगा साथी का मजबूता कंधा सारी थकान मिटा देता है और उसको हौले से छू लेना ही अपूर्व प्रेम का अहसास करा देता है। यही नहीं साथी का स्नेहपूर्ण आलिंगन मन को तरोताजगी से पूर्ण कर देता है।

घर में काम करती पत्नी की आंखों पर हौले से हाथ रख देना या आराम करते समय बालों को हल्के से सहला देना, सुबह चाय देते वक्त माथे को सहला देना । भले ही ये बातें बहुत छोटी-छोटी लगती हैं, लेकिन इनसे असीम सुख का अनुभव होता है और इनका असर बहुत गहरा होता है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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