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प्रादेशिक

विदेशी चंदे पर मिली आप को राहत

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नई दिल्ली| दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को विदेश से चंदा लेने के आरोप में आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख अरविंद केजरीवाल और अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई 18 फरवरी तक के लिए टाल दी। न्यायालय ने मामले को अत्यावश्यक नहीं बताते हुए इस पर राजधानी में सात फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद सुनवाई करने का फैसला किया। न्यायाधीश जी. रोहिणी और न्यायाधीश आर. एस. एंडलॉ की खंडपीठ ने कहा कि दिल्ली में चूंकि विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, इसलिए इस मामले की सुनवाई बाद में की जाएगी। न्यायालय ने कहा, “हम इस मामले पर बाद में कभी भी विचार कर सकते हैं। इस मामले पर सुनवाई में जल्दी करने की इतनी जरूरत नहीं है। हम इस पर चुनाव के बाद सुनवाई करेंगे।” पेशे से वकील एम. एल. शर्मा ने एक याचिका दायर कर आप के सदस्यों के खिलाफ विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम के तहत आपराधिक मामला दर्ज करने का निर्देश देने और न्यायालय की निगरानी में नियमित तौर पर सुनवाई करने की मांग की है।

आप ने हालांकि विदेश से अवैध तरीके से चंदा लेने के आरोप को खारिज किया और न्यायालय से कहा कि पिछले वर्ष उसे 30 करोड़ रुपये का चंदा मिला, जो सिर्फ भारतीय नागरिकों से ही लिया गया। आप को इस राशि में से 8.5 करोड़ रुपये अनिवासी भारतीयों से मिले। आप ने कहा, “हमें चंदे के तौर पर बहुत छोटी राशि ही मिली है, जो देश के सभी राजनीतिक दलों द्वारा लिए जाने वाले चंदों में सबसे पारदर्शी तरीके से एकत्रित की गई है।”

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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