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ऑफ़बीट

बुरा वक्‍त आने से पहले कुछ यूं मिलते हैं संकेत

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हमारे उतार–चढ़ाव भरे जीवन में जब कभी बुरा वक्‍त आता है, तब हम बेहद परेशान हो जाते हैं। मन में यह विचार आते हैं कि शायद अगर हमें अपने साथ होने वाली अनहोनी या हादसे का पता चल जाता तो हम समस्‍या से निपटने के लिए कुछ उपाय कर लेते।

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बहरहाल, हमें कुछ भी बुरा होने से पहले ऐसे संकेत जरूर मिल जाते हैं, जिन्‍हें देख कर हमें पता लगाया जा सकता है कि हमारे साथ कहीं कुछ बुरा तो नहीं होगा। आज हम आपको कुछ ऐसे ही संकेतो के बारे में बताएंगे, जो बुरा वक्‍त आने से पहले मिल जाते हैं।बस जरूरत हैं ऐसे चीजों अथवा संकेतों को समझने की।

 

1– यदि किसी शादीशुदा स्‍त्री की मांग में सिंदूर लगा हो और उसी समय उसकी सिंदूर वाली डिबिया गिर जाए तो समझे कि पति के जीवन या उसके काम पर कोई संकट आने वाला है।

2– यदि दूध अचानक फट जाए या गिर जाए तो समझे कि घर में कोई लड़ाई झगड़ा होने वाला है या फिर किसी को बड़ी बीमारी होने वाली है।

3–अगर कई दिनों से आपको बुरे सपने आ रहे हैं और यह सपना आपके दिन का तनाव बढ़ा रहा हो तो सावधान हो जाएं। यह आपके बिजनेस को मंद कर सकता है या फिर परिवार में किसी सदस्‍य को बीमार करने का संकेत हो सकता है।

4– यदि आपके घर के आसपास से कई दिनों से बिल्‍ली के रोने की आवाज आ रही है तो इसका मतलब है कि वह नकारात्‍मकता फैला रही है। इससे आपके जीवन में कुछ बुरा होने वाला होगा।

5–यदि पत्‍नी का मंगलसूत्र अचानक टूट जाए तो समझे की पति के जीवन में कोई संकट आने वाला है।

आपको बता दें कि हम उपरोक्‍त सभी बातों के सही होने का कोई दावा नहीं करते। ये सभी बिन्‍दु बुजुर्गों और विद्वानों के अनुभवों पर आधारित हैं।

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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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