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अमरिंदर ने मेजर गोगोई को सम्मानित करने की सराहना की

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चंडीगढ़, 23 मई (आईएएनएस)| जम्मू एवं कश्मीर में व्यक्ति को जीप से बांधने के लिए भारतीय सेना में मेजर नितिन लीतुल गोगोई का समर्थन कर चुके पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को गोगोई को सम्मानित करने के सेना के फैसले की सराहना की है।

सेना के अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि सेना प्रमुख बिपिन रावत ने आतंकवाद-रोधी अभियान में सतत प्रयास के लिए राष्ट्रीय राइफल्स की 53वीं वाहिनी में नियुक्त मेजर गोगोई को प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया।

सेना में कैप्टन के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके अमरिंदर सिंह ने गोगोई को सम्मानित किए जाने को ‘सेना की उच्च परंपरा को जीवित रखने’ वाले कार्य की संज्ञा दी और कहा ‘भारतीय सेना साहस और पहल को हमेशा सम्मानित करती है’।

मेजर के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाले लोगों की आलोचना करते हुए अमरिंदर ने कहा, यह साफ है कि उन्हें सेना के काम करने का तरीका और भारतीय सेना की पंरपरा नहीं पता। भारतीय सेना वीरता और साहस की विशिष्ट संस्कृति में पगा एक अनूठा संस्थान है।

जम्मू एवं कश्मीर के बडगाम जिले में एक स्थानीय व्यक्ति 24 वर्षीय फारूक अहमद दार को सेना की जीप के आगे बांध कर घुमाने का एक वीडियो नौ अप्रैल को सामने आया, जिसके बाद काफी हंगामा मचा।

15 अप्रैल को सेना ने मामले की जांच का आदेश दे दिया, हालांकि अभी तक जांच की रिपोर्ट नहीं आई है।

अमरिंदर ने कहा कि मेजर ने परिस्थिति के अनुकूल फैसला लेने और साहस का अद्भुत परिचय दिया, जो एक अच्छे सैन्य अधिकारी के लक्षण हैं।

मेजर गोगोई को पुरस्कृत करने की मांग करने वाले पहले राजनीतिक अमरिंदर ने कहा कि यह अच्छी बात है कि चारों तरफ से हो रही आलोचना के बावजूद सेना अपने अधिकारी के साथ खड़ी रही।

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नेशनल

ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर का इस्तेमाल करने की मांग वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को देश में चुनावों के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के बजाय बैलेट पेपर का इस्तेमाल करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि जब वे नहीं जीते तो मतलब ईवीएम में छेड़छाड़ की गई है और जब चुनाव जीत गए तो उन्होंने कुछ नहीं कहा. हम इसे कैसे देख सकते हैं? इसके बाद कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि यह वो जगह नहीं है जहां आप इस सब पर बहस कर सकते हैं.

याचिकाकर्ता ने बताया कि चंद्रबाबू नायडू और वाईएस जगन मोहन रेड्डी जैसे प्रमुख नेताओं ने भी ईवीएम से छेड़छाड़ के बारे में चिंता जताई थी तो सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने टिप्पणी की, “जब चंद्रबाबू नायडू या रेड्डी हार गए, तो उन्होंने कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ की गई थी और जब वे जीते, तो उन्होंने कुछ नहीं कहा. हम इसे कैसे देख सकते हैं? इसके बाद कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि यह वो जगह नहीं है जहां आप इस सब पर बहस कर सकते हैं.

याचिकाकर्ता ने जब कहा कि सभी जानते हैं कि चुनावों में पैसे बांटे जाते हैं, तो पीठ ने टिप्पणी की, “हमें कभी किसी चुनाव के लिए पैसे नहीं मिले।” याचिकाकर्ता ने कहा कि उनकी याचिका में एक और अनुरोध चुनाव प्रचार के दौरान पैसे और शराब के इस्तेमाल को विनियमित करने के लिए एक व्यापक रूपरेखा तैयार करने और यह सुनिश्चित करने का था कि इस तरह की प्रथाएं कानून के तहत प्रतिबंधित और दंडनीय हों। याचिका में जागरूकता बढ़ाने और सूचित निर्णय लेने के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक व्यापक मतदाता शिक्षा अभियान चलाने का निर्देश देने की मांग की गई। याचिकाकर्ता ने कहा, आज 32 प्रतिशत शिक्षित लोग मतदान नहीं कर रहे हैं। यह कितनी त्रासदी है। आने वाले वर्षों में क्या होगा यदि लोकतंत्र इसी तरह खत्म होता रहा और हम कुछ नहीं कर पाए।

 

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