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नेशनल

250,000 लोगों को लील चुकी 2004 की सुनामी में ‘हिमालय’ का था हाथ

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बेंगलुरू, 31 मई (आईएएनएस)| वैज्ञानिकों ने वर्षो के शोध के बाद पता लगाया है कि 26 दिसंबर 2004 को इंडोनेशिया के सुमात्रा में 9.2 तीव्रता के भूकंप और उसके बाद आई सुनामी में हिमालय की अहम भूमिका रही है।

यह भूकंप इतना भयावह था कि 250,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।

नेशनल सेंटर फॉर अंटार्कटिक एंड ओसन रिसर्च सहित वैज्ञानिकों का एक दल यह पता लगाना चाहता था कि इतने भयावह भूकंप और सुनामी की आखिर क्या वजह रही और उन्हें इसका जवाब मिला-‘हिमालय’।

इस शोध के नतीजे पत्रिका जर्नल साइंस के 26 मई के अंक में प्रकाशित हुए थे।

सुमात्रा भूकंप का केंद्र हिंद महासागर में 30 किलोमीटर की गहराई में रहा, जहां भारत की टेक्टोनिक प्लेट आस्ट्रेलिया की टेक्टोनिक प्लेट के बॉर्डर को टच करती है।

पिछले कई सौ वर्षो से हिमालय और तिब्बती पठार से कटने वाली तलछट गंगा और अन्य नदियों के जरिए हजारों किलोमीटर तक का सफर तय कर हिंद महासागर की तली में जाकर जमा हो जाती हैं।

वैज्ञानिकों का मानना था कि ये तलछट प्लेटों के बॉर्डर पर भी इकट्टा हो जाती हैं जिसे सब्डक्शन जोन भी कहते हैं जो भयावह सुनामी का कारण बनती हैं।

लेकिन इंडोनिशिया और हिंद महासागर के बीच की प्लेट के नमूनों की जांच से अलग ही कहानी बयां होती है।

शोध टीम ने समुद्रतल में 1.5 किलोमीटर नीचे खुदाई कर टेक्टोनिक प्लटे पर जमने वाले इन तलछटों और चट्टानों के नमूने इकट्ठा किए और यह जानने की कोशिस कि सब्डक्शन जोन में जमा होने पर इनका क्या निष्कर्ष निकलता है।

शोधकतार्ओं को इस पूरी प्रक्रिया के दौरान तापमान बढ़ने और अत्यधिक उष्मा निकलने को पता चला जो भूकंप और उसके बाद सुनामी आने का कारण बनता है।

रिपोर्ट के मुताबिक, इन निष्कर्षो से अन्य स्थानों पर भी सब्डक्शन जोन का पता चला है जिनमें मोटी, गर्म तलछट और चट्टानें शामिल हैं, ठीक उत्तरी अमेरिका और मकरान जैसी जो ईरान और पाकिस्तान के बीच अरब सागर में है।

बेंगलुरू में जवाहरलाल नेहर सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च के लिए सुनामी भूविज्ञान के विशेषज्ञ सी.पी.राजेंद्रन ने कहा, शोधकतार्ओं का कहना है कि सब्डक्शन जोन में तलछट का स्तर बढ़ने से सुनामी से होने वाली तबाही का स्तर भी बढ़ जाता है।

उन्होंने ईमेल के जरिए आईएएनएस को बताया, लेकिन यह कई कारकों में से एक हो सकता है। इसके कई भौगोलिक कारण भी है। भूकंप के बाद सुनामी आने के लिए पानी की गहराई भी एक प्रमुख कारक है।

राजेंद्रन का कहना है कि उन्हें अपने शोध से अमेरिका के मकरन तट और कैस्काडिया में सुनामी के दुष्परिणामों का पुनर्मूल्यांकन करने में मदद मिलेगी।

उन्होंने बताया कि हालांकि, यह देखना होगा कि ये हिमालय से निकली तलछटी से कितने अलग हैं और ये किस तरह से तुलनीय हैं।

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नेशनल

महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे ने दिया इस्तीफा, क्या फडणवीस के सिर सजेगा ताज ?

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मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राज्यपाल राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन को अपना इस्तीफा सौंपा है। इस दौरान डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार भी मौजूद थे। विधानसभा का कार्यकाल आज यानी 26 नवंबर तक ही है। नए मुख्यमंत्री की शपथ की तारीख तय नहीं है। तब तक शिंदे कार्यवाहक सीएम रहेंगे।

इस बीच महाराष्ट्र में अगली सरकार के गठन की रूपरेखा लेकर चर्चा तेज हो गई है। खबर है कि गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार को देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर सकते हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले ‘महायुति’ गठबंधन ने 288 सदस्यीय विधानसभा में 235 सीट हासिल की हैं। जिसमें बाजेपी अकेली 135 सीटों पर कब्जा कर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

बीजेपी की महाराष्ट्र में ये अब तक की सबसे बड़ी जीत है। शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 57 सीट पर जीत हासिल की और अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा ने 41 सीट पर जीत दर्ज की है। मौजूदा उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सीएम की रेस में सबसे आगे चल रहे है।

 

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