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जेटली ने जीडीपी दर पर नोटबंदी के असर को नकारा

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नई दिल्ली, 1 जून (आईएएनएस)| केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को वित्त वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर नोटबंदी के असर को महत्वहीन करार दिया और बीते तीन वर्षो से रोजगार विहीन विकास के लिए हो रही सरकार की आलोचनाओं को भी खारिज कर दिया।

केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार के तीन वर्ष पूरे होने पर एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नोटबंदी से पूर्व वैश्विक मंदी सहित ऐसे अनेक कारक रहे, जिनका देश की अर्थव्यवस्था पर सम्मिलित असर पड़ा है।

जेटली ने कहा कि रोजगार विहीन विकास की बात विपक्ष का कुप्रचार है, जिनके पास सरकार के प्रदर्शन पर कहने के लिए कुछ भी ठोस नहीं है।

जेटली ने कहा कि सरकार ने बीते तीन वर्षो के दौरान तीन प्रमुख क्षेत्रों में असर डाला है। वह क्षेत्र हैं – निर्णय लेने की क्षमता (यहां तक कि कठिन फैसले), फैसले लेने का स्पष्ट दृष्टिकोण एवं बाजार प्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की इजाजत और जन संसाधनों के आवंटन में अधिकतम राजस्व उगाही।

जेटली से जब नोटबंदी के असर के बारे में पूछा गया, जो बुधवार को जारी जीडीपी के आंकड़ों से स्पष्ट हो चुका है, जेटली ने कहा, जिसे आप बिल्कुल स्पष्ट कह रहे हैं, वह स्पष्ट नहीं है। त्रुटिपूर्ण विश्लेषणों से प्रभावित न हों। जीडीपी पर अनेक कारकों का असर पड़ता है। पिछले साल नोटबंदी से पहले से ही साफ तौर पर मंदी का असर था। वैश्विक कारकों का भी असर पड़ा है।

जेटली ने कहा, आपने जो मुद्दा (नोटबंदी) उठाया है, उसका दो तिमाहियों पर असर हो सकता है।

बुधवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, बीते वित्त वर्ष 2016-17 की आखिरी तिमाही में जीडीपी विकास दर में तेज गिरावट दर्ज की गई। इस अवधि में जीडीपी दर 6.1 रही, जबकि बीते पूरे वित्त वर्ष के दौरान देश की जीडीपी वृद्धि दर गिरकर 7.1 फीसदी दर्ज की गई, जो उससे पिछले वर्ष आठ फीसदी के करीब थी।

अपने तर्को को पुष्ट करने के लिए जेटली ने कहा कि सेवा एवं वित्तीय सेक्टर की विकास दर नोटबंदी के पहले से ही धीमी चल रही है, जबकि ये सेक्टर अमूमन 9-10 फीसदी की दर से विकास करते हैं।

जेटली ने कहा, ये कुछ सम्मिलित कारक हैं, जिनका असर भी पड़ा है। भारत में 7-8 फीसदी की विकास दर सामान्य हो चली है, जो वैश्विक मानकों के आधार पर तार्किक भी है और भारतीय मानकों के आधार पर भी।

उन्होंने एक जुलाई से देशभर में लागू होने के लिए तैयार प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के कारण भी देश का आर्थिक विकास धीमा पड़ने की संभावना को खारिज कर दिया।

इस सवाल का जवाब देने के लिए प्रमुख आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम आगे आए। उन्होंने कहा कि जीसएटी से वास्तव में कीमतें कम होंगी और खर्चो में इजाफा होगा।

रोजगार विहीन विकास के विपक्ष के दावों के जवाब में जेटली ने कहा, कुछ लोगों ने इसे कुप्रचार की सामग्री बना ली है।

उन्होंने कहा, शुरुआत में वे कह रहे थे कि यह सिर्फ पिछले सुधारों में और वृद्धि जैसा है, न कि कोई आमूलचूल सुधार। जीएसटी के बाद अब उनका कहना है कि यह रोजगार विहीन विकास है। जब अर्थव्यवस्था विकास करती है तो रोजगार पैदा होता है..औपचारिक एवं अनौपचारिक क्षेत्रों में रोजगार पैदा हुए हैं। अनौपचारिक क्षेत्र को लेकर कोई सर्वेक्षण नहीं हुआ है।

केंद्र सरकार के तीन वर्ष के कार्यकाल पर जेटली ने कहा कि केंद्र में जब राजग की सरकार बनी तो पूरा विश्व आर्थिक मंदी से जूझ रहा था और देश वैश्विक अर्थव्यवस्था से गायब था। इसके अलावा तीन साल के दौरान बारिश भी अच्छी नहीं रही।

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महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे ने दिया इस्तीफा, क्या फडणवीस के सिर सजेगा ताज ?

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मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राज्यपाल राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन को अपना इस्तीफा सौंपा है। इस दौरान डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार भी मौजूद थे। विधानसभा का कार्यकाल आज यानी 26 नवंबर तक ही है। नए मुख्यमंत्री की शपथ की तारीख तय नहीं है। तब तक शिंदे कार्यवाहक सीएम रहेंगे।

इस बीच महाराष्ट्र में अगली सरकार के गठन की रूपरेखा लेकर चर्चा तेज हो गई है। खबर है कि गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार को देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर सकते हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले ‘महायुति’ गठबंधन ने 288 सदस्यीय विधानसभा में 235 सीट हासिल की हैं। जिसमें बाजेपी अकेली 135 सीटों पर कब्जा कर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

बीजेपी की महाराष्ट्र में ये अब तक की सबसे बड़ी जीत है। शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 57 सीट पर जीत हासिल की और अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा ने 41 सीट पर जीत दर्ज की है। मौजूदा उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सीएम की रेस में सबसे आगे चल रहे है।

 

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