अन्तर्राष्ट्रीय
चीन में 1,000 साल से लुप्त मंदिर की खोज
बीजिंग, 4 जून (आईएएनएस)| चीन के चेंग्दू शहर में पुरातत्वविदों ने करीब 1,000 साल से लुप्त एक मंदिर की खोज की है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, खोजे गए फुगान मंदिर का अस्तित्व ईस्टर्न जिन राजवंश (सन 317-420) से साउदर्न सांग राजवंश (सन 1127-1279) के दौरान माना जाता है।
ऐसा कहा जाता है कि 618 से 907 ईस्वी के बीच तांग राजवंश के एक भिक्षु सूखे की मार झेल रहे इलाके में बारिश कराने के लिए इसी मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान कर रहे थे, जिसके बाद सच में बारिश हुई।
तांग राजवंश के मशहूर कवि लीयू यूशी की रची एक कविता में इस मंदिर के पुननिर्माण की गाथा है, जिसमें कहा गया है कि इस मंदिर में साक्षात स्वर्ग की सत्ता है। कविता में मंदिर की महत्ता का बखान किया गया है।
तांग और सांग राजवंशों के आखिरी दौर में इस मंदिर की इमारत जीर्ण होती चली गई और युद्ध के दौरान मंदिर के सभी निशान गायब होने लगे।
पुरातत्वविदों ने खोज के दौरान जमीन से बौद्ध ग्रंथ से संबंधित 1,000 से अधिक तख्त और करीब 500 पत्थर की मूर्तियों के साथ चमकदार टाइल्स उत्खनन में प्राप्त किए हैं।
इस खोज के नेतृत्वकर्ता यी ली ने कहा, हमने मंदिर प्रांगण के सिर्फ एक हिस्से का उत्खनन किया है, जिससे इस मंदिर के गौरवपूर्ण इतिहास की झलक देखने को मिली।
ली ने कहा कि इस खोज के दौरान उन्हें मंदिर की नींव, आस0पास की इमारतों के खंडहर, कुएं, सड़क और खाइयां मिली हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय
पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।
इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।
जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।
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