Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

सबसे वजनी जीएसएलवी मार्क-3 की सफल लॉन्चिंग कर इतराया भारत

Published

on

Loading

 

जीसैट-19 की लॉन्चिंग संग देश के सबसे वजनी रॉकेट ने भरी उड़ान

श्रीहरिकोटा। भारत ने सोमवार को अपने सबसे वजनी जीएसएलवी मार्क-3 रॉकेट को श्रीहरिकोटा से अंतरिक्ष के लिए छोड़ा।जीएसएलवी मार्क-3 अपने साथ 3,136 किलोग्राम वजनी संचार उपग्रह लेकर गया है, जिसे वह कक्षा में स्थापित करेगा।

जीएसएलवी श्रृंखला के इस सबसे वजनी रॉकेट जीएसएलवी मार्क-3 ने सोमवार को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से अपराह्न 5.28 बजे पहली बार उड़ान भरी।

43.43 मीटर लंबा और 640 टन वजनी यह रॉकेट 16 मिनट में अपनी यात्रा पूरी कर लेगा और पृथ्वी की सतह से 179 किलोमीटर की ऊंचाई पर जीसैट-19 को उसकी कक्षा में स्थापित कर देगा।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अनुसार, जीसैट-19 एक मल्टी-बीम उपग्रह है, जिसमें का एवं कू बैंड संचार ट्रांसपोंडर लगे हैं। इसके अलावा इसमें भूस्थैतिक विकिरण स्पेक्ट्रोमीटर (जीआरएएसपी) लगा है, जो आवेशित कणों की प्रकृति का अध्ययन एवं निगरानी करेगी और अंतरिक्ष विकिरण के उपग्रहों और उसमें लगे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन भी करेगा।

इस उपग्रह की कार्य अवधि 10 वर्ष है। इसमें अत्याधुनिक अंतरिक्षयान प्रौद्योगिकी का भी इस्तेमाल किया गया है और यह स्वदेश निर्मित लीथियम ऑयन बैट्री से संचालित होगा।

वहीं जीएसएलवी मार्क-3 त्रिस्तरीय इंजन वाला रॉकेट है। पहले स्तर का इंजन ठोस ईंधन पर काम करता है, जबकि इसमें लगे दो मोटर तरल ईंधन से चलते हैं। रॉकेट का दूसरे स्तर का इंजन तरल ईंधन से संचालित होता है, जबकि तीसरे स्तर पर लगा इंजन क्रायोजेनिक इंजन है।

विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक के. सिवन ने आईएएनएस से कहा, “रॉकेट की भारवहन क्षमता चार टन तक है। इस रॉकेट की भविष्य की उड़ानों में भारवहन क्षमता को और बढ़ाया जाएगा।”

इसरो 2014 में क्रायोजेनिक इंजन से रहित इसी तरह का रॉकेट प्रक्षेपित कर चुका है, जिसका उद्देश्य रॉकेट की संरचनागत स्थिरता और उड़ान के दौरान गतिकी का अध्ययन करना था।

इसरो के अधिकारियों ने बताया कि रॉकेट के व्यास में विभिन्न स्तरों पर वृद्धि की गई है, जिसके चलते इसकी ऊंचाई कम की जा सकी, जबकि इसका भार काफी अधिक है। इसरो के एक अधिकारी ने कहा, “नया रॉकेट थोड़ा छोटा है, लेकिन इसकी क्षमता कहीं अधिक है।”

नेशनल

पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

Published

on

Loading

नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

Continue Reading

Trending