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तनाव घटाने में मददगार है पूजा-पाठ, उम्र बढ़ेगी सो अलग

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तनाव, पूजा-पाठ, उम्र, रिसर्च

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वाशिंगटन। पूजा-पाठ करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर रखने में मदद मिल सकती है। एक नए अध्ययन के नतीजों में कुछ ऐसा ही दावा किया गया है।

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अमेरिका की वैन्डरबिल्ट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया कि मंदिर, मस्जिद, चर्च या किसी अन्य धार्मिक स्थानों पर पूजा-पाठ के लिए नियमित रूप से जाने वाले लोगों में ऐसा नहीं करने वाले लोगों के मुकाबले तनाव का स्तर कम था। इससे उनकी शारीरिक सेहत में सुधार हुआ। साथ्‍ ही उनकी जीवन प्रत्याशा में भी बढ़ोतरी हुई।

शोधकर्ताओं के मुताबिक, ये नतीजे 40 साल से 65 साल तक के वयस्कों के अध्ययन पर आधारित हैं। पूजा-पाठ करने से इनके मौत के जोखिम में लगभग 55 फीसदी की कमी देखी गई।

शोधकर्ता मैरिनो ब्रुस ने कहा, हमारे निष्कर्षों ने इस धारणा की पुष्टि की कि धार्मिकता या आस्तिकता तनाव घटाने में मददगार होती है और आस्‍थावानों को दीर्घायु बनाती है।

शोधकर्ताओं ने तमाम समूहों के तकरीबन 3.50 हजार लोगों पर सर्वे किया। इनमें महिलाएं भी थीं। 64 फीसदी प्रतिभागी चर्च जाकर नियमित रूप से प्रार्थना करने वाले थे। शोधकर्ताओं ने प्रतिभागी के पूजा-पाठ में शामिल होने, मौत के जोखिम और शारीरिक क्षरण (एलोस्टैटिक लोड) का विश्लेषण किया।

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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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