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आसमान से खेत में गिरा उल्‍कापिंड, धमाके की आवाज से मची दहशत

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उल्कापिंड, जयपुर, धमाके, दहशत

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जयपुर। जयपुर के भाकरोटा थाना क्षेत्र में एक खेत में जलता हुआ उल्कापिंड गिरने से ग्रामीणों में दहशत फैल गई। पुलिस के मुताबिक मुकुंदपुरा गांव में बंशीधर के खेत में तड़के करीब चार बजे तेज धमाके के साथ एक उल्‍का पिंड आ गिरा। इस उल्कापिंड के धमाके से लोगों की नींद खुल गई। लोग घरों से बाहर आ गये।

उल्कापिंड, जयपुर, धमाके, दहशत

घटना की जानकारी मिलते ही खेत में ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पडी। इसे मौके पर पहुंची पुलिस ने हटा दिया। उन्होंने बताया कि लगभग पांच किलो वजन के काले रंग के इस उल्कापिंड के गिरने से जमीन पर गहरा गड्ढा बन गया। गिरते ही उल्कापिंड के छोटे-छोटे टुकडे हो गये। उन्होंने बताया कि इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दे दी गयी है।

जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय के फिजिक्स के रिटायर प्रोफेसर आरएन त्रिपाठी ने आकाश से गिरे इस पत्थर को उल्कापिंड होने का दावा किया है। उन्‍होंने जिला प्रशासन से जांच के लिये इसे अहमदाबाद लेबोरेटरी में भिजवाने का सुझाव दिया है।

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उन्होंने कहा कि उल्कापिंड सामान्यतया चुम्बकीय परिधि से गिरे रहते है और जो इस परिधि में नही आ पाते वह कई बार गिर जाते है।

उल्‍का पिंड की टक्‍कर से खत्‍म से हो गए थे डायनासोर

6.6 करोड़ साल पहले 10 किलोमीटर व्यास का एक उल्का पिंड धरती से टकराया था। पिंड मेक्सिको के युकाटन प्रायद्वीप से टकराया। माना जाता है कि टक्कर की वजह से पूरी धरती थर्रा उठी और एक झटके में विशालकाय डायनासोर खत्म हो गए।

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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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