नेशनल
राष्ट्रपति की मोदी सरकार को नसीहत, अध्यादेश से बचें
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नरेंद्र मोदी सरकार को अपने आठ महीने के कार्यकाल के दौरान नौ अध्यादेश लाने को लेकर कड़ी नसीहत दी है। उन्होंने सरकार और विपक्ष दोनों को ऐसी स्थिति से बचने को कहा है।
राष्ट्रपति ने मोदी सरकार को ‘अध्यादेश नीति’ का पालन करने से बचने का सीधा संदेश दिया है। उन्होंने विपक्ष को भी कह दिया है कि अल्पमत का विपक्ष बहुमत की आवाज को अकारण बाधित नहीं कर सकता। केंद्रीय विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों के प्राध्यापकों और छात्रों को वीडियो कांफ्रेंसिंग से संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि 16वीं लोकसभा में शासन और स्थिरता के लिए बहुमत मिला है। आए दिन अध्यादेश जारी करने से बचने के लिए दोनों को आपस में मिल बैठकर कोई व्यवहारिक समाधान निकालना चाहिए। प्रणब मुखर्जी ने विधेयकों को पास कराने के लिए संसद का संयुक्त सत्र बुलाने के विकल्प को भी अव्यवहारिक बताया। ऐसा कहकर उन्होंने मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। दरअसल हर छोटे बड़े फैसलों को लेकर अध्यादेश की राह पर चल पड़ी मोदी सरकार पर देश की संसद को बौना करने के आरोप लग रहे हैं जबकि विपक्ष पर भी संसद के कामकाज को बाधित करने के आरोप लग रहे हैं।
सरकार और विपक्ष दोनों के लिए राष्ट्रपति की यह हिदायत काफी मायने रखती है। संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्ष के हंगामे के चलते कई दिनों तक संसद का कामकाज ठप पड़ा रहा। बाद में सरकार ने बीमा, कोयला, भूमि अधिग्रहण समेत तमाम मसलों को लेकर अध्यादेश लाने का फैसला कर लिया। कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि मैंने राजनीतिक प्रतिष्ठान से कहा है कि वे आपस में बातचीत करें और अपने मतभेदों को सुलझाएं। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि अध्यादेश लाने जैसे प्रावधान केवल असाधारण परिस्थितियों के लिए ही हों। उन्होंने विपक्ष द्वारा कामकाज में बाधा डालने को भी गलत बताया। हंगामे के कारण दूसरे सांसद अपनी बात नहीं रख पाते हैं। संसद को चलाने में सत्तारूढ़ दल की बड़ी भूमिका है और उसे इसकी पहल करनी चाहिए। विपक्ष का सहयोग देना चाहिए। सरकार अध्यादेश जारी करती है, लेकिन वह छह महीने के अंदर दोनों सदनों में मंजूर नहीं करवा पाने की स्थिति में उसके खत्म होने का जोखिम लेती है।
7 महीने में 9 अध्यादेश लाई मोदी सरकार
- भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (संशोधन) अध्यादेश
- कोयला खदान (विशेष प्रावधान)
- नागरिकता (संशोधन) अध्यादेश
- मोटर वाहन (संशोधन)
- आंध्र पुनर्गठन (संशोधन) अध्यादेश
- टेक्सटाइल अंडरटेकिंग (नेशनलाइजेशन) कानून
- कोयला खदान (विशेष प्रावधान) दूसरा संशोधन अध्यादेश
- बीमा कानून (संशोधन) अध्यादेश
- भूमि अधिग्रहण (संशोधन)
नेशनल
5.6 मिलियन फॉलोअर्स वाले एजाज खान को मिले महज 155 वोट, नोटा से भी रह गए काफी पीछे
मुंबई। टीवी एक्टर और पूर्व बिग बॉस कंटेस्टेंट एजाज खान इस बार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने उतरे थे। हालांकि जो परिणाम आए हैं उसकी उन्होंने सपने में भी उम्मीद नहीं की होगी। एजाज आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के टिकट पर वर्सोवा सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे लेकिन उन्होंने अभी तक केवल 155 वोट ही हासिल किए हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि नोटा को भी 1298 वोट मिल चुके हैं। इस सीट से शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के हारून खान बढ़त बनाए हुए हैं जिन्हें अबतक करीब 65 हजार वोट मिल चुके हैं।
बता दें कि ये वहीं एजाज खान हैं जिनके सोशल मीडिया पर 5.6 मिलियन फॉलोअर्स हैं। ऐसे में बड़ी ही हैरानी की बात है कि उनके इतने चाहने वाले होने के बावजूद भी 1000 वोट भी हासिल नहीं कर पाए। केवल 155 वोट के साथ उन्हें करारा झटका लगा है।
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