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ऑफ़बीट

भारत के बेंगलुरु में होने लगी डीजल की होम डिलीवरी

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बेंगलुरू। बेंगलुरू में अब डीजल की होम डिलीवरी शुरू हो गई है। होमडिलीवरी की सुविधा पाने वाला बेंगलुरू देश का पहला शहर है। बीते दिनों पेट्रोलियम मंत्रालय ने इस योजना के संकेत दिए थे।

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बीती 15 जून को एक साल पुराने स्टार्टअप मायपेट्रोलपम्प ने इस सुविधा की शुरुआत की। कंपनी ने तीन डिलीवरी वाहन सड़क पर उतारे हैं। हर एक की क्षमता 950 लीटर है। अब तक शहर भर में 5000 लीटर ईंधन की डिलीवरी की जा चुकी है। डीजल की प्रति लीटर कीमत उस दिन के दाम के मुताबिक वसूले जाते है। वहीं, डिलीवरी चार्ज फिक्स रखा गया है।

खास बातें

100 लीटर तक एक बार की डिलीवरी का चार्ज 99 रुपए है। वहीं, 100 लीटर से अधिक पर डीजल की कीमत के अलावा प्रति लीटर एक रुपया (99 रुपए के अलावा) डिलीवरी चार्ज वसूला जाता है।

स्टार्टअप के पास फिलहाल 20 कस्टमर हैं। इनमें 16 स्कूल शामिल हैं। इनकी कुल 250-300 बसें हैं। वहीं, कुछ अपार्टमेंट भी इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं।

ऑनलाइन के साथ ही फोन या फ्री ऐप के जरिए भी ऑर्डर बुक किए जा सकते हैं। मायपेट्रोलपम्प के फाउंडर के अनुसार, इस विचार के साथ हम सितंबर 2016 से पेट्रोलियम मंत्रालय के संपर्क में थे। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ दो बैठकें हुईं। सरकार ने इस विचार को सराहा और डीजल सप्लाय की अनुमति दी।

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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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