बिजनेस
एचडीएफसी बैंक ने उप्र में अपनी सुविधाओं का किया विस्तार
एचडीएफसी बैंक विदेशी मुद्रा लेनदेन में देगा सहूलियतें
लखनऊ। एचडीएफसी बैंक लिमिटेड ने उत्तर प्रदेश में अपनी विदेशी मुद्रा विनिमय संबंधी सुविधाओं का विस्तार किया है। पेशकशों की इस विस्तारित श्रृंखला में 20 मुद्राओं में विदेशी मुद्रा विनिमय और हज उमराह फॉरेक्सप्लस कार्ड शामिल हैं, जिनका मकसद ग्राहकों और व्यवसायियों की जरूरतों को पूरा करना है।
इन सुविधाओं का लाभ राज्य में एचडीएफसी बैंक की 470 शाखाओं के पूरे नेटवर्क और नेटबैंकिंग पोर्टल के जरिये उठाया जा सकता है।
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इस विस्तारित विदेशी मुद्रा विनिमय की पेशकश में ये सुविधाएँ शामिल हैं-
- हज उमराह फॉरेक्स प्लस कार्ड जिसमें बढ़ी हुई बीमा सुरक्षा और आकर्षक पेशकश.
- 20 मुद्राओं में विदेशी मुद्रा विनिमय, जिससे ग्राहकों की व्यापक जरूरतें पूरी हो सकें, चाहे ये जरूरतें सैर-सपाटे, अध्ययन, व्यापार, चिकित्सा या आयात-निर्यात से संबंधित हों.
- शाखाओं में ग्राहकों को आयात भुगतान, निर्यात प्राप्ति, एफडीआई और विदेशी वाणिज्यिक ऋण के संबंध में मदद करने की तैयारी की गयी है.
- मल्टीकरेंसी फॉरेक्सप्लस कार्ड से एक ही कार्ड में 23 करेंसी तक रखने की सुविधा.
- ग्राहक पांच हजार अमेरिकी डॉलर तक की राशि का हस्तांतरण नेटबैंकिंग पर रेमिटनाऊ डिजिटल पेशकश के तहत कर सकते हैं.
- व्यावसायिक प्रतिष्ठान अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए ट्रेड-ऑन-नेट की सुविधाजनक ऑनलाइन सेवा का उपयोग कर सकते हैं.
एचडीएफसी बैंक के उप्र के क्षेत्रीय प्रमुख संजीव कुमार ने कहा, एचडीएफसी बैंक में हमारा प्रयास है कि हम उत्तर प्रदेश के ग्राहकों को उत्पादों और सेवाओं का एक संपूर्ण समूह उपलब्ध करायें। राज्य में हमारी सभी शाखाओं में विदेशी मुद्रा उत्पादों और सेवाओं की उपलब्धता से हम अपने ग्राहकों की जरूरतों को पूरा कर सकेंगे।
इसके अलावा न केवल शाखाओं के माध्यम से, बल्कि तकनीक और डिजिटल बैंकिंग प्लेटफॉर्म का सहारा ले कर हम अपने ग्राहकों को केवल एक बटन क्लिक करके विदेशी मुद्रा लेनदेन करने की सहूलियतें मुहैया करा रहे हैं।
प्रादेशिक
एस्सार ग्रुप के सह-संस्थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन
मुंबई। एस्सार ग्रुप के सह-संस्थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है। रुइया के पार्थिव शरीर को प्रार्थना और श्रद्धांजलि के लिए वालकेश्वर के बाणगंगा में रखा जाएगा। अंतिम संस्कार यात्रा रुइया हाउस से शाम 4 बजे हिंदू वर्ली श्मशान के लिए निकलेगी।
शशि रुइया ने अपने भाई रवि रुइया के साथ मिलकर एस्सार की स्थापना की थी। वह करीब एक महीने पहले अमेरिका से इलाज करा लौटे थे। मंगलवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक उनका पार्थिव शरीर रुइया हाउस में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। शाम चार बजे रुइया हाउस से शवयात्रा हिंदू वर्ली श्मशान घाट के लिए रवाना होगी।
उद्योगपति शशि रुइया ने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में 1965 में अपने व्यावसायिक दुनिया में कदम रखा। उन्होंने अपने भाई रवि के साथ मिलकर 1969 में चेन्नई बंदरगाह पर एक बाहरी ब्रेकवाटर का निर्माण कर एस्सार की नींव रखी। इसके बाद एस्सार ग्रुप ने इस्पात, तेल रिफाइनरी, अन्वेषण और उत्पादन, दूरसंचार, बिजली और निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार किया।
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