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बिजनेस

भारत बन सकता है आर्थिक महाशक्ति : चीनी मीडिया

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चीनी मीडिया, ग्लोबल टाइम्स, भारत, आर्थिक महाशक्ति

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चीनी मीडिया ने भारत में जीएसटी लागू करने के फैसले की तारीफ की

पेइचिंग। चीन का सरकारी मीडिया पिछले कुछ समय से मोदी सरकार की ओर से लागू किए गए जीएसटी की प्रशंसा कर रहा है। अब ग्लोबल टाइम्स ने अपने लेख में भारत में बड़ी मात्रा में हो रहे विदेशी निवेश के कारण वैश्विक महाशक्ति बनने के भारत के सपने को काफी बल मिलेगा।

चीनी मीडिया का कहना है कि विदेशी निर्माता बढ़-चढ़कर भारत में निवेश कर रहे हैं और भारत की ओर से किए जा रहे सुधारों और प्रयासों के कारण निवेशकों को यहां अपना भविष्य सुरक्षित दिख रहा है।

अखबार ने अपनी सरकार को सलाह दी है कि वह भारत के विकास को देखकर शांत रहे। साथ ही, प्रतिस्पर्धा से निपटने के लिए चीन को विकास की ज्यादा प्रभावी रणनीति तैयार करने की भी सलाह दी है। लेख में कहा गया है कि भारत में आज जैसा आर्थिक विकास हो रहा है, वह करीब दो दशक पहले चीन में हो रहा था।

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अखबार का कहना है कि विदेशी निवेश के इस मॉडल पर चलकर चीन को कामयाबी मिली और अब चूंकि भारत भी इसी राह पर आगे बढ़ रहा है, इसीलिए उसकी सफलता भी करीब-करीब पक्की लग रही है।

अखबार ने लिखा है कि GST सुधारों और इससे होने वाले आर्थिक फायदों को लेकर भले ही संशय की स्थिति दिख रही हो, लेकिन विदेशी कंपनियां भारत में अपने भविष्य को लेकर आश्वस्त दिख रही हैं।

इसमें आगे कहा गया है, ‘GST के अंतर्गत भारत ने आयात किए जाने वाले विदेशी स्मार्टफोन्स और कुछ अन्य इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों पर 10 फीसदी ड्यूटी लगाई है। इस कारण अंतरराष्ट्रीय फोन निर्माता भारत में संयंत्र लगाने की योजना पर तेजी से काम कर रहे हैं।’

ग्लोबल टाइम्स ने मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से लिखा है कि ताइवान की कंपनी फॉक्सकॉन भारत में अपने कारखाने शुरू करने के लिए लगभग 32 खरब रुपये का निवेश करने की योजना बना रही है।

जून में सैमसंग ने घोषणा की थी कि वह भारत में अपने उत्पादन की क्षमता को बढ़ाने के लिए करीब 40 अरब रुपये का निवेश करेगा।

आर्टिकल में आगे लिखा गया है कि न केवल स्मार्टफोन इंडस्ट्री, बल्कि अंतरराष्ट्रीय ऑटो इंडस्ट्री की नजरें भी भारत पर टिकी हैं। ग्लोबल टाइम्स ने भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में सकारात्मक टिप्पणी करते हुए माना है कि इतने बड़े स्तर पर हो रहा विदेशी निवेश न केवल भारत की आर्थिक क्षमता के लिए, बल्कि रोजगार और औद्योगिक विकास के लिए भी काफी मददगार साबित होगा।

साथ ही विदेशी निवेश के कारण भारत में उत्पादन भी काफी बढ़ रहा है। इसमें भारत के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की भी तारीफ की गई है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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