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कांग्रेस में वापसी का सवाल नहीं : जोगी

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रायपुर, 19 जुलाई (आईएएनएस/वीएनएस)। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के संस्थापक एवं पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कहा है कि वह एक बार कदम बढ़ा लेते हैं तो वापस पीछे नहीं हटते और कांग्रेस में वापसी का तो सवाल ही पैदा नहीं होता। जोगी ने यह बात छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नवनियुक्त प्रभारी पीएल पुनिया के बयान के जवाब में कही। पुनिया ने कहा था कि यदि जोगी कांग्रेस में आते हैं तो उनका स्वागत है।

सागौन बंगला में बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में जोगी ने कहा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल लगातार बोलते रहते हैं कि जनता कांग्रेस से कई बड़े चेहरे कांग्रेस के संपर्क में हैं और वे कांग्रेस में प्रवेश करेंगे, लेकिन मैं दावे के साथ बोलता हूं कि कांग्रेस क्या भाजपा के भी कई बड़े चेहरे जनता कांग्रेस के संपर्क में हैं और आने वाले समय में वे जनता कांग्रेस में प्रवेश करेंगे।

जोगी ने जगदीश कलश एवं तेजकुमार बजाज का स्वागत किया। जगदीश कलश सिविल लाइन वार्ड के पूर्व पार्षद तथा लोक निर्माण विभाग के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं। वहीं नगर निगम, रायपुर तथा कटोरा तालाब व्यापारी संघ के अध्यक्ष तेजकुमार बजाज हैं। दोनों ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) की सदस्यता ली है।

जोगी ने कहा, मैं और बजाज लंबे समय से कांग्रेस से जुड़े रहे हैं।

जगदीश कलश ने कहा, मैं 35 साल से कांग्रेस से जुड़ा था। भूपेश बघेल के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से मुझे महत्व नहीं दिया जाता था। भूपेश पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को सार्वजनिक रूप से अपमानित करते हैं तथा कांग्रेस के किसी कार्यक्रम में वरिष्ठ नेताओं को बुलाते तक नहीं है।

तेजकुमार बजाज ने कहा, मैं 30 सालों से कांग्रेस से सक्रिय रूप से जुड़ा रहा। संपूर्ण जवाबदारी को अच्छे से निभाया, लेकिन कांग्रेस की ओर से सम्मान मिलने के बजाए अपमान ही मिला।

जोगी ने कहा, राज्य सरकार करोड़ों रुपये बीमा के नाम पर किसानों से वसूल रही है। भ्रष्टाचार चरम पर है। 600 करोड़ रुपये का बीमा घोटाला प्रतिवर्ष हो रहा है। बागबाहरा से एक आदिवासी किसान मंथीर ध्रुव ने भी चार हजार रुपये प्रीमियम के रूप में दिए थे। उसकी फसल का पूरा नुकसान हो गया। फसल बर्बाद होने के बाद उसे महज बीमा की राशि के रूप में 40 रुपये मिला। इस बात से व्यथित होकर उसने आत्महत्या की।

जोगी ने इसका पूरा दोष राज्य सरकार पर मढ़ा है। उन्होंने कहा कि ये किसान की आत्महत्या नहीं, हत्या है।

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नेशनल

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर कही बड़ी बात

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कर्नाटक। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिनमें दावा किया गया था कि राज्य सरकार नौकरियों में मुस्लिम आरक्षण के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने रिपोर्टों को एक और नया झूठ बताया। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में स्पष्ट किया कि आरक्षण की मांग की गई है लेकिन इस संबंध में सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यह स्पष्टीकरण कर्नाटक में मुसलमानों के लिए आरक्षण के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच आया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने जारी किया बयान

मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘कुछ मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है कि नौकरियों में मुसलमानों को आरक्षण देने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष है। इसमें कहा गया है कि मुस्लिम आरक्षण की मांग की गई है, हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि इस संबंध में सरकार के समक्ष कोई प्रस्ताव नहीं है।’

4% कोटा, जो श्रेणी-2बी के अंतर्गत आता, सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों के लिए समग्र आरक्षण को 47% तक बढ़ा देता। कर्नाटक का वर्तमान आवंटन विशिष्ट सामाजिक समूहों के लिए सरकारी ठेकों का 43% आरक्षित रखता है: एससी/एसटी ठेकेदारों के लिए 24%, श्रेणी-1 ओबीसी के लिए 4%, और श्रेणी-2ए ओबीसी के लिए 15% है।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव, नसीर अहमद, आवास और वक्फ मंत्री बीजे ज़मीर अहमद खान और अन्य मुस्लिम विधायकों के साथ, 24 अगस्त को एक पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें अनुबंधों में मुसलमानों के लिए 4% आरक्षण का अनुरोध किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि सिद्धारमैया ने वित्त विभाग को उसी दिन प्रस्ताव की समीक्षा करने का निर्देश दिया था, कथित तौर पर उन्होंने इस मामले से संबंधित कर्नाटक सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन का भी समर्थन किया था।

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