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लोकसभा सदस्यों ने बोफोर्स मामला दोबारा खोलने की मांग की

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नई दिल्ली, 24 जुलाई (आईएएनएस)| लोकसभा में सत्ता पक्ष के सदस्यों ने सोमवार को कथित बोफोर्स घोटाले को दोबारा जांच कराने की मांग की। जहां सत्ता पक्ष के कई सदस्य मुद्दे पर चर्चा की मांग करते दिखे, वहीं नई दिल्ली से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद मिनाक्षी लेखी ने कहा कि भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी तथा स्वीडन के तत्कालीन प्रधानमंत्री ओलोफ पालमे के बीच बातचीत से संबंधित दस्तावेज मौजूद हैं, जिससे गड़बड़ी की बात साबित होती है।

जांच का नेतृत्व करने वाले स्वीडन के पुलिस अधिकारी स्टेन लिंडस्टॉर्म ने अपनी जांच में कथित तौर पर कहा है कि राजीव गांधी तथा पालमे ने बोफोर्स सौदे से पहले वित्तीय गड़बड़झाले को लेकर विस्तार से चर्चा की थी। जिसके तहत, बोफोर्स स्वीडन के एक फाउंडेशन को रकम का भुगतान करेगा, ताकि भारतीयों और अन्य को भुगतान करने में आसानी हो।

लेखी ने कहा, लिंडस्टॉर्म के मुताबिक, उस चर्चा से संबंधित दस्तावेज अभी भी सरकार के पास कहीं है। यह कहना कि यह पुराना मामला है और इसे भूल जाना चाहिए, गलत होगा, क्योंकि अगर पुराने मुद्दों का समाधान नहीं किया गया, तो वे फिर से हमारे सामने आ जाएंगे।

भाजपा के निशांत दूबे ने भी मुद्दे को उठाया।

दूबे ने कहा, केंद्रीय जांच ब्यूरो को मामले को फिर से खोलना चाहिए और उसकी जांच करनी चाहिए। सीबीआई ने पहले भी इसके लिए अनुमति मांगी थी, लेकिन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने अनुमति नहीं दी।

बोफोर्स मुद्दा हाल में एक बार फिर चर्चा में तब आया, जब संसदीय समिति ने यह सुझाव दिया कि बोफोर्स तोप की खरीदारी में हुई अनियमितता से संबंधित मामले को फिर खोला जाना चाहिए, क्योंकि उसमें कई ‘खामियां’ हैं।

सीबीआई ने कहा है कि वह इसकी दोबारा जांच तभी कर सकती है, जब उसे इसकी मंजूरी केंद्र सरकार या न्यायालय देगी।

कथित बोफोर्स घोटाला सन् 1989 में सामने आया था, जिसके कारण केंद्र की राजीव गांधी सरकार गिर गई थी।

रक्षा मामलों पर छह सदस्यीय संसदीय लेखा समिति की एक उप समिति सौदे पर नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक के कुछ खास पहलुओं का अनुपालन नहीं करने की जांच कर रही है।

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नेशनल

महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे ने दिया इस्तीफा, क्या फडणवीस के सिर सजेगा ताज ?

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मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राज्यपाल राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन को अपना इस्तीफा सौंपा है। इस दौरान डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार भी मौजूद थे। विधानसभा का कार्यकाल आज यानी 26 नवंबर तक ही है। नए मुख्यमंत्री की शपथ की तारीख तय नहीं है। तब तक शिंदे कार्यवाहक सीएम रहेंगे।

इस बीच महाराष्ट्र में अगली सरकार के गठन की रूपरेखा लेकर चर्चा तेज हो गई है। खबर है कि गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार को देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर सकते हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले ‘महायुति’ गठबंधन ने 288 सदस्यीय विधानसभा में 235 सीट हासिल की हैं। जिसमें बाजेपी अकेली 135 सीटों पर कब्जा कर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

बीजेपी की महाराष्ट्र में ये अब तक की सबसे बड़ी जीत है। शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 57 सीट पर जीत हासिल की और अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा ने 41 सीट पर जीत दर्ज की है। मौजूदा उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सीएम की रेस में सबसे आगे चल रहे है।

 

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