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बिजनेस

‘इंडस फूड’ शो अगले वर्ष 18-19 जनवरी को

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नई दिल्ली, 26 जुलाई (आईएएनएस)| भारतीय व्यापार संवर्धन परिषद (टीपीसीआई) ने भारतीय एफएंडबी उद्योग में हो रही तेज वृद्धि और फूड एवं बेवरेज के क्षेत्र में वैश्विक कारोबार की वृद्धि में हो रहे सुधार के बीच वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय एवं वाणिज्य विभाग के सहयोग से विशाल वैश्विक फूड एंड बेवरेज ट्रेड शो ‘इंडस फूड’ का आयोजन 18-19 जनवरी को करने जा रहा है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने कार्यक्रम के लोगो और वेबसाइट को विभिन्न देशों के दूतावासों के अधिकारियों, कारोबारी नेताओं और देश के निर्यातकों की उपस्थिति में आयोजित एक कार्यक्रम में पेश किया।

यहां जारी एक बयान के अनुसार, भारत को एक वैश्विक कारोबारी केंद्र बनाने के उद्देश्य से ‘इंडस फूड’ का आयोजन 18-19 जनवरी के दौरान इंडिया एक्सपोजिशन मार्ट, ग्रेटर नोएडा में किया जाएगा।

बयान के अनुसार, भारत के विभिन्न श्रेणियों में प्रमुख खाद्य आपूर्तिकर्ता होने के नाते इंडस फूड भारतीय निर्यातकों और वैश्विक स्तर के खरीदारों को एक छत के नीचे कारोबारी लेनदेन और आपसी लाभ के अवसर मुहैया कराएगा, जिससे वैश्विक स्तर पर खाद्य उद्योग में योगदान देने में मदद मिलेगी। भारतीय खाद्य निर्यात 2015 में 31 अरब डॉलर था और उम्मीद है कि आगे भी इस उद्योग में वृद्धि बनी रहेगी।

भारत चावल, गेहूं, दूध, अरंडी बीज, तिल, आम, केला, दालों, समुद्री उत्पादों और चाय, कॉफी, मसालों जैसी अन्य चीजों का प्रमुख उत्पादक है। इंडस फूड की अवधारणा भारतीय खाद्य उद्योग को वैश्विक आयातकों के समक्ष खाद्य उत्पादों की व्यापक और विविधतापूर्ण श्रृंखला का प्रदर्शन करने के लिए एक प्लेटफॉर्म मुहैया कराने के लिए पेश की गई थी।

सीतारमण ने कहा, वाणिज्य मंत्रालय भारत के कारोबार और वाणिज्य की संभावनाओं को सुधारने के लिए लगातार कदम उठा रहा है और अपने सतत प्रयासों के अंतर्गत ही एक मेगा फूड शो के आयोजन का प्रयास किया गया है, जो खुद को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फूड शो के बीच स्थापित करना चाहता है। खाद्य उद्योग न सिर्फ भारत की जीडीपी में योगदान देने वाला एक अहम कारक है, बल्कि यह आबादी के एक बड़े हिस्से को जीवनयापन के साधन भी मुहैया कराता है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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