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मनोरंजन

व्यंजनों व संस्कृति की खोज जारी रहे : शेफ रणवीर बराड़

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नई दिल्ली, 4 अगस्त (आईएएनएस)| मास्टर शेफ इंडिया से घर-घर में मशहूर हुए शेफ रणवीर बराड़ का मानना है कि शेफ के रूप में प्रासंगिक रहने के लिए नए जायकों और व्यंजनों की खोज करना जरूरी है। सेलिब्रिटी शेफ का कहना है कि पाक उद्योग के नए आयामों की खोज करने के साथ पुराने जायकों व व्यंजनों को नहीं भूलना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुराने जमाने की पाक संस्कृति की खोज कर उसमें नई चीजों का समावेश कर एक अलग स्वरूप दिया जाना चाहिए।

एपिक चैनल पर प्रसारित होने वाले राजा रसोई श्रृंखला के नए शो ‘राजा रसोई और अंदाज अनोखा’ के साथ रणवीर एक बार फिर मेजबान के रूप में वापसी कर रहे हैं।

उन्होंने आईएएनएस को बताया, नए जायकों की खोज करने से ज्यादा बेहतर मौजूदा जायकों, तरीकों और उनसे जुड़ी सूक्ष्मताओं की खोज करना है। मेरे लिए व्यंजनों और संस्कृति की खोज एक शेफ के रूप में जरूरी है।

बराड़ ने कहा, किसी भी संस्कृति से जुड़े किसी भी व्यंजन का विस्तार उस संस्कृति का विस्तार करना है। हम जो चीजें खा रहे हैं, उसकी शुरुआत कहां से हुई और उसका विकास कैसे हुआ और फिर कैसे इस पकवान के सार को खोए बगैर नए तरीकों के साथ आगे बढ़ाया गया, मेरे लिए यह चीज आकर्षित करने वाली होती है।

विभिन्न चीजों को नए रूप में पेश करने का चलन बहुत बढ़ गया है, लेकिन रणवीर मानते हैं कि चलन आते-जाते रहते हैं, लेकिन कोई भी चीज घर के खाने को पीछे नहीं छोड़ सकती।

उन्होंने कहा, व्यंजनों हमेशा से विकसित होते रहे हैं, फिर चाहे वह साम्रगी के मामले में हो या खाना पकाने के तरीके या प्रस्तुति के मामले में। यहां हमेशा कुछ नया किया जा सकता है, लेकिन दिन के अंत के बाद हर किसी को घर के खाने की ओर वापसी करनी होती है और मैंने देखा है कि इसका महत्व बढ़ रहा है। लोग अपनी रसोई में अधिक प्रयोग कर रहे हैं, घर पर मेहमानों को रुचिकर व्यंजन परोस रहे हैं।

अपने नए शो ‘राजा रसोई और अंदाज अनोखा’ के बारे में बात करते हुए रणवीर ने कहा, राजा रसोई शो मेरा पसंदीदा है। भारतीय व्यंजनों में बहुत सारे पहलू हैं, जिन्हें खोजा नहीं गया। वह व्यंजन साम्रगी, बनाने की विधि और यहां तक कि उससे जुड़े कहानियां भी हो सकती हैं। यही इस शो की खासियत है और इसी खासियत को हम इस तीसरे सीजन में आगे बढ़ाने की कोशिश की है।

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उत्तर प्रदेश

योगी को यूपी का साथ, 9 में जीतीं सीटें सात

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लखनऊ |  योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने उपचुनाव में बड़ी जीत हासिल की। उत्तर प्रदेश की जनता ने एक बार फिर बता दिया कि उन्हें योगी आदित्यनाथ का ही साथ पसंद है। प्रदेश में 9 सीटों पर हुए उपचुनाव में सात पर एनडीए ने जीत दर्ज की। इसमें से छह पर भारतीय जनता पार्टी और एक सीट पर एनडीए गठबंधन (रालोद) ने जीत हासिल की। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने समाजवादी पार्टी के हिस्से की कुंदरकी व कटेहरी सीट भी जीत ली। इन दोनों सीटों पर नया इतिहास लिखा गया।

पांच दिन में योगी आदित्यनाथ ने किए थे 15 चुनावी कार्यक्रम

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारतीय जनता पार्टी व रालोद प्रत्याशी के पक्ष में पांच दिन में 15 चुनावी कार्यक्रम किए। सीएम योगी ने फूलपुर, मझवा, खैर व कटेहरी में दो-दो रैली की। गाजियाबाद में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक रैली व एक रोड शो कर कमल को फिर से खिलाने की अपील की, जिस पर जनता ने मुहर लगाया। वहीं कुंदरकी व मीरापुर में भी सीएम की रैली हुई। इसका असर यह हुआ कि कुंदरकी में भारतीय जनता पार्टी ने ऐतिहासिक जीत हासिल की।

कटेहरी में तीन दशक बाद कमल का कमाल, 34514 वोट से दर्ज की जीत

कटेहरी में लगभग तीन दशक से अधिक समय से इस सीट पर भाजपा को जीत नहीं मिल पा रही थी, लेकिन इस बार उपचुनाव में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में कटेहरी में भी कमल ने कमाल कर दिखाया। भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी धर्मराज निषाद ने तीन दशक बाद यहां कमल खिलाया। धर्मराज निषाद ने न सिर्फ सपा से यह सीट छीनी, बल्कि सपा प्रत्याशी शोभावती वर्मा को 34514 के बड़े अंतर से हराया।

कुंदरकी में भी खिला कमल, योगी को मिला जनता का साथ

2022 विधानसभा चुनाव में कुंदरकी में समाजवादी पार्टी ने जीत हासिल की थी। इस सीट पर भी विधायक के सांसद चुने जाने के कारण यहां उपचुनाव हुआ। इस सीट पर भी काफी समय से समाजवादी पार्टी का कब्जा था, लेकिन 2024 में हुए उपचुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह सीट भाजपा के खाते में गई। योगी के आह्वान पर जनता ने यहां से सपा को चारों खाने चित कर दिया। यहां के भाजपा उम्मीदवार रामवीर सिंह ठाकुर ने सपा के मो. रिजवान को काफी बड़े अंतर से पराजित किया।

मझवा, फूलपुर, गाजियाबाद, खैर व मीरापुर में भी योगी-योगी

मझवा, फूलपुर, गाजियाबाद, खैर के साथ ही मीरापुर में भी रैलियों से चल रही योगी-य़ोगी की गूंज शनिवार को जीत के बाद और तेज होती गई। मीरापुर में रालोद व अन्य सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल की। मझवा में विनोद बिंद, फूलपुर से प्रवीण पटेल, गाजियाबाद से अतुल गर्ग, खैर से अनूप प्रधान वाल्मीकि व मीरापुर से चंदन चौहान के सांसद चुने जाने के उपरांत यहां उपचुनाव कराए गए। इन सीटों को बरकरार रखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने अन्य सीटों पर जीत हासिल की।

सपा के घर करहल के साथ सीसामऊ में जीत का अंतर भी हुआ कम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मेहनत का ही प्रतिफल है कि समाजवादी पार्टी के घर करहल में भी सपा की जीत का अंतर काफी कम हुआ। 2022 आमचुनाव में सपा प्रत्याशी अखिलेश यादव ने यहां 67504 वोटों से जीत हासिल की थी, जो 2024 उपचुनाव में घटकर महज 14725 वोट पहुंच गई। तेज प्रताप यादव को यहां से 104304 वोट मिले। भाजपा के अनुजेश यादव ने 89579 वोट प्राप्त किया। वहीं सीसामऊ में 2022 में सपा के इरफान सोलंकी ने 12266 वोटों से जीत हासिल की। उपचुनाव में सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने 69714 वोट पाकर 8564 वोट से जीत दर्ज की। यहां से भाजपा के सुरेश अवस्थी को 61150 वोट मिले।

सात सीटों पर जीत व अंतर

कुंदरकी- रामवीर सिंह ठाकुर
गाजियाबाद- संजीव शर्मा- 96946 (69351 से जीत)
फूलपुर- दीपक पटेल- 78289 (11305 से जीत)
मझवां- सुचिस्मिता मौर्या- 77737 (4922 से जीत)
कटेहरी- धर्मराज निषाद- 104091 (34514 से जीत)
खैर- सुरेंद्र दिलेर – 100181 (38393 से जीत)
मीरापुर- मिथिलेश पाल (रालोद)- 84304 (30796 से जीत

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