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दलों को टूटने से बचाने के लिए दल-बदल कानून में हो संशोधन : जालान

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नई दिल्ली, 7 अगस्त (आईएएनएस)| भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर बिमल जालान का कहना है कि राजनीतिक दलों के टुकड़े होने से बचाने के लिए दल-बदल रोधी कानून में संशोधन किया जाना चाहिए।

उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि प्रशासन में सुधार लाने के लिए दल बदलने वाले सदस्यों द्वारा दल बदलने से पहले फिर से चुनाव कराए जाने की मांग करने का प्रावधान लाना चाहिए।

उनका यह भी कहना है कि दल-बदल रोधी कानून को सभी राजनीतिक दलों और सत्तारूढ़ गठबंधन से जुड़ने वाले तथाकथित निर्दलीय सदस्यों पर भी लागू किया जाना बेहद जरूरी है।

पेंगुइन प्रकाशन द्वारा प्रकाशित अपनी पुस्तक ‘इंडिया : प्रायरिटीज फॉर द फ्यूचर’ में जालान लिखते हैं, दूसरे शब्दों में सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल होने वाले दलों को फिर से चुनाव की मांग किए बगैर दल से अलग होने की इजाजत नहीं होनी चाहिए। दल-बदल रोधी कानून में इस तरह का संशोधन मंत्रिमंडल की जनता के प्रति सामूहिक जवाबदेही को सुदृढ़ करेगा।

जालान कहते हैं कि 1985 और 2013 में दलों को टूटने से बचाने के लिए किए गए संशोधनों के बाद संविधान के मौजूदा प्रावधानों के तहत, चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों के विघटन को हतोत्साहित करने वाले नियम हैं।

इसकी मुख्य वजह यह है कि दल जितना छोटा होगा, उसके किसी सदस्य के पास पार्टी तोड़कर राजनीतिक सत्ता हथियाने के लिए दूसरी बड़ी पार्टी से जुड़ने की उतनी ही अधिक संभावना होगी। उदाहरण के लिए कोई सदस्य राष्ट्रीय स्तर के किसी बड़े राजनीतिक दल से चुना जाता है तो पार्टी से अलग होने के लिए उसे एक निश्चित संख्या में पार्टी छोड़ने की इच्छा रखने वाले सदस्यों के समर्थन की जरूरत होगी।

राज्यसभा में 2003 से 2009 के बीच नामित सदस्य रहे जालान ने कहा कि वहीं अगर कोई सदस्य पांच या दस सदस्यों वाले किसी छोटे दल का हिस्सा है, तो पार्टी तोड़कर दूसरी पार्टी से जुड़ने के लिए सिर्फ तीन या चार सदस्यों का एकमत होना पर्याप्त है, जो आसान भी है।

जालान ने संसदीय कार्यवाही में भी सुधार को लेकर कई सुझाव दिए हैं और नियमों के सख्ती से पालन की वकालत की है। उनका सुझाव है कि लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति के पास ढेरों शक्तियां होती हैं, लेकिन शायद ही कभी उनका उपयोग होता हो, जैसे किसी सदस्य को बर्खास्त करना या निलंबित करना।

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5.6 मिलियन फॉलोअर्स वाले एजाज खान को मिले महज 155 वोट, नोटा से भी रह गए काफी पीछे

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मुंबई। टीवी एक्टर और पूर्व बिग बॉस कंटेस्टेंट एजाज खान इस बार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने उतरे थे। हालांकि जो परिणाम आए हैं उसकी उन्होंने सपने में भी उम्मीद नहीं की होगी। एजाज आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के टिकट पर वर्सोवा सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे लेकिन उन्होंने अभी तक केवल 155 वोट ही हासिल किए हैं।

आपको जानकर हैरानी होगी कि नोटा को भी 1298 वोट मिल चुके हैं। इस सीट से शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के हारून खान बढ़त बनाए हुए हैं जिन्हें अबतक करीब 65 हजार वोट मिल चुके हैं।

बता दें कि ये वहीं एजाज खान हैं जिनके सोशल मीडिया पर 5.6 मिलियन फॉलोअर्स हैं। ऐसे में बड़ी ही हैरानी की बात है कि उनके इतने चाहने वाले होने के बावजूद भी  1000 वोट भी हासिल नहीं कर पाए। केवल 155 वोट के साथ उन्हें करारा झटका लगा है।

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