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खेल-कूद

कैंडी टेस्ट : शमी ने श्रीलंका को बैकफुट पर धकेला

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कैंडी (श्रीलंका), 13 अगस्त (आईएएनएस)| अपने गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन के दम पर भारतीय टीम ने पल्लेकेले अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम में जारी तीसरे और अंतिम टेस्ट मैच के दूसरे दिन रविवार को चायकाल तक श्रीलंका को बैकफुट पर धकेल दिया है।

श्रीलंका दूसरे सत्र की समाप्ति तक अपनी पहली पारी में चार विकेट के नुकसान पर केवल 61 रन ही बना पाया है। कप्तान दिनेश चांडीमल (13) और निरोशन डिकवेला (14) नाबाद हैं। भारत की पहली पारी के स्कोर 487 रनों के आधार पर मेजबान टीम 426 रन पीछे है।

श्रीलंका की पहली पारी की शुरुआत करने आई सलामी जोड़ी दिमुथ करुणारत्ने (4) और उपुल थारंगा (5) को शमी ने ही पवेलियन का रास्ता दिखाया। दोनों खिलाड़ियों को शमी ने विकेट के पीछे खड़े रिद्धिमान साहा के हाथों कैच आउट किया।

इसके बाद मेजबान टीम की पारी संभालने उतरे कुशल मेंडिस (18) कप्तान चांडीमल के साथ मिलकर 15 रन जोड़े थे कि 38 के कुलयोग पर मेंडिस रन आउट हो गए।

मेंडिस के आउट होने के बाद चांडीमल का साथ देने आए एंजेलो मैथ्यूज को हार्दिक पांड्या ने खाता खोलने का मौका भी नहीं दिया और पगबाधा आउट कर श्रीलंका का चौथा विकेट गिराया।

चांडीमल ने इसके बाद डिकवेला के साथ मिलकर चायकाल तक बिना कोई विकेट गंवाए 23 रनों की साझेदारी कर टीम को 61 के स्कोर तक पहुंचाया।

भारत के लिए शमी ने दो विकेट लिए, वहीं पांड्या को एक सफलता हासिल हुई।

इससे पहलेृ, हार्दिक पांड्या (108) के टेस्ट करियर के पहले शतक के दम पर भारत ने श्रीलंका के खिलाफ अपनी पहली पारी में 487 रन बनाए हैं।

पहले दिन शनिवार को शिखर धवन (119) और लोकेश राहुल (85) की शानदार पारियों के दम पर छह विकेट पर 329 रनों से आगे खेलने उतरी भारतीय टीम ने रविवार को दिन के पहले सत्र में तीन विकेट खोकर 487 रन बनाए। भारत की ओर से पहले सत्र में आउट होने वाले तीन बल्लेबाज रिद्धिमान साहा (16) कुलदीप यादव (26) और मोहम्मद शमी (8) रहे।

दूसरे सत्र की शुरुआत के बाद पारी आगे बढ़ाने उतरे पांड्या और उमेश यादव (नाबाद 3) को संदाकन ने एक भी रन जोड़ने का मौका न देते हुए पांड्या को 487 के ही स्कोर पर दिलरुवान परेरा के हाथों कैच आउट कर भारतीय पारी समाप्त कर दी।

पांड्या ने पहले सत्र की समाप्ति से टेस्ट करियर का पहला शतक लगाया। पांड्या ने अब तक अपनी पारी में खेली गईं 93 गेदों में आठ चौके और सात छक्के लगाए।

इसके अलावा, वह टेस्ट मैच में अपने क्रिकेट करियर का पहला शतक लगाने वाले पांचवें भारतीय खिलाड़ी हैं। इससे पहले विजय मांजरेकर, कपिल देव, अजय रात्रा और हरभजन सिंह ने टेस्ट मैच में क्रिकेट करियर का पहला शतक लगाया था।

पांड्या एक ओवर में 26 रन बनाए। यह टेस्ट प्रारूप के इतिहास में किसी भारतीय खिलाड़ी द्वारा एक ओवर में बनाए गए सबसे अधिक रन हैं। उन्होंने इस क्रम में दिग्गज खिलाड़ी कपिल देव के रिकॉर्ड को पार कर दिया।

कपिल ने लॉर्ड्स में 1990 में इंग्लैंड के गेंदबाज एडी हेमिंग्स की ओर से एक ओवर में फेंकी गई छह गेंदों में 24 रन बनाए।

श्रीलंका के लिए संदाकन ने सबसे अधिक चार विकेट लिए, वहीं मलिंदा पुष्पकुमारा ने तीन विकेट हासिल किए। इसके अलावा फर्नादो को दो सफलता हासिल हुई।

भारत ने तीन टेस्ट मैच की इस सीरीज में 2-0 से अजेय बढ़त बनाई हुई है।

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खेल-कूद

IPL Auction: 13 साल के वैभव सूर्यवंशी ने रचा इतिहास, बन गए सबसे युवा करोड़पति

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पटना। बिहार के वैभव सूर्यवंशी ने महज 13 साल की उम्र में इतिहास रच दिया है। वैभव को आईपीएल मेगा नीलामी में राजस्थान रॉयल्स ने 1.1 करोड़ रुपये में खरीद लिया है। 13 साल 243 दिन की उम्र में वैभव आईपीएल के इतिहास में सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए। रॉयल्स और दिल्ली कैपिटल्स उन्हें अपने साथ जोड़ने में दिलचस्पी दिखाई। राजस्थान ने 1.1 करोड़ रुपये में अपने साथ जोड़ा।

वैभव ने हाल ही में सबका ध्यान अपनी ओर खींचा जब वह अंतरराष्ट्रीय शतक बनाने वाले सबसे युवा बल्लेबाज (13 वर्ष, 288 दिन) बने। उन्होंने चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 के खिलाफ भारत अंडर-19 के लिए खेले गए यूथ टेस्ट में 62 गेंदों पर 104 रन बनाए। बाएं हाथ के इस खिलाड़ी ने 58 गेंदों पर शतक बनाया। यह किसी भारतीय का सबसे तेज यूथ टेस्ट शतक और दुनिया में दूसरा सबसे तेज शतक था।

वैभव एक बेहतरीन खिलाड़ी है और उम्मीद जताई जा रही है कि 2025 आईपीएल में वह जबरदस्त प्रदर्शन करेंगे। वैभव की बात करें तो वह बिहार के समस्तीपुर जिले के रहने वाले हैं। महज 13 साल के बेटे के करोड़पति बनने के बाद उनके पिता भावुक नजर आ रहे हैं।

एक मीडिया चैनल को दिए गए इंटरव्यू में वैभव के पिता संजीव सूर्यवंशी ने कहा कि अपने बेटे के सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने बहुत कुछ किया। अपनी खेती तक की जमीन बेच दी ताकि वैभव क्रिकेट खेल सके और अपना करियर बना सके। वैभव के बारे में बात करते हुए पिता ने बताया कि उसे हमेशा से क्रिकेट में रूचि थी और वह महज 5 साल का था, तब से क्रिकेट खेल रहा है। वैभव को उनके पिता ने ही घर में नेट प्रैक्टिस करवाई, जिसके बागद समस्तीपुर क्रिकेट एकेडमी भेजा। उनके पिता ने बेटे की कामयाबी के लिए बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश तिवारी का भी शुक्रिया किया।

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