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बिजनेस

रिलायंस डिफेंस का नाम बदल कर रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड होगा

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मुंबई, 16 अगस्त (आईएएनएस)| रिलायंस इंफ्रास्ट्रकचर के नियंत्रण वाली कंपनी रिलायंस डिफेंस एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड (आरडीईएल) का नाम बदल कर रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड (आरएनईएल) किया जा रहा है। माना जा रहा है कि नाम बदलने का यह फैसला भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल के लिए क्षमताओं के निर्माण पर कंपनी के ध्यान के अनुरूप है।

कंपनी 22 अगस्त को होने वाली वार्षिक आम बैठक में नाम बदलने के लिए शेयरधारकों की मंजूरी मांगेगी।

आरडीईएल को पहले पिपावाव डिफेंस एंड ऑफशोर इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड के नाम से जाना जाता था।

रिलायंस समूह ने 2016 में पिपावाव डिफेन्स में पचास फीसदी से अधिक हिस्सेदारी हासिल कर ली थी और कंपनी का नाम बदल कर रिलायंस डिफेंस एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड कर दिया था, जिसे अब रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड में बदला जा रहा है।

आरडीईएल ने भारतीय नौसेना के लिए लैंडिंग प्लेटफार्म डॉक (एलपीडी) और एंटी सबमरीन वारफेयर शेल्लो वॉटर क्राफ्ट (एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी) समेत अन्य आर्डर के लिए 30,000 करोड़ रुपये की निविदा प्रस्तुत की है। इस साल सितंबर में बोली लगाई जाने की संभावना है।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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