बिजनेस
माइक्रोसॉफ्ट ने ब्लॉकचेन नेटवर्क्स के लिए ‘कोको फ्रेमवर्क’ की घोषणा की
नई दिल्ली, 16 अगस्त (आईएएनएस)| ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी के उपयोग में वृद्धि के साथ ही माइक्रोसॉफ्ट ने बुधवार को कोको फ्रेमवर्क की घोषणा की है, जो अपनी तरह का पहला नवाचार है, जिसका लक्ष्य उद्यमों के प्रदर्शन, गोपनीयता और शासन में सुधार करना है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि वर्तमान का ब्लॉकचेन प्रोटोकॉल प्रौद्योगिकी मौजूदा ब्लॉकचेन प्रोटोकॉल प्रौद्योगिकी के लिए उद्यमों की परिचालन और सुरक्षा जरूरतें पूरी करने के लिए जटिल विकास तकनीकों की आवश्यकता होती है और कोको फ्रेमवर्क इस जटिलता को कम कर देता है।
ब्लॉकचेन रिकार्ड्स की लगातार बढ़नेवाली एक सूची है, जिसे क्रिप्टोग्राफी के द्वारा जोड़ा जाता है तथा सुरक्षित बनाया जाता है।
माइक्रोसॉफ्ट एक ओपन सोर्स परियोजना के रूप में 2018 में इंटरनेट होस्टिंग सर्विस गीथहब पर अपना फ्रेमवर्क पेश करेगी।
हाल ही में माइक्रोसॉफ्ट को बैंकचेन ने एक्सक्लूसिव क्लाउड पार्टनर के रूप में चुना है। यह भारतीय बैंकों का प्लेटफार्म है, जिसके साथ भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, डीसीबी बैंक, कोटक बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, ड्यूस बैंक समेत अन्य बैंक जुड़े हुए हैं। इन बैंकों में ब्लॉकचेन समाधान में सुधार के लिए माइक्रोसॉफ्ट के अजूरे ब्लॉकचेन का प्रयोग किया जाएगा।
बिजनेस
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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