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बिजनेस

लगातार आरोपों से निपटना मुश्किल था : सिक्का

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बेंगलुरू, 18 अगस्त (आईएएनएस)| आईटी कंपनी इंफोसिस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक का पद छोड़ने के बाद विशाल सिक्का ने शुक्रवार को कहा कि अंतहीन आरोपों से निपटना उनके लिए मुश्किल था और भविष्य की योजनाओं के बारे में उन्होंने अभी कोई फैसला नहीं किया है।

सिक्का ने कैलिफरेनिया से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कहा, लगातार जारी आरोपों के शोरगुल से निपटना मुश्किल था। कुछ समय बाद आपको लगता है कि यह आप पर और कंपनी पर असर डाल रहा है। यह एक अतार्किक स्थिति थी।

एक नाटकीय घटनाक्रम में सिक्का ने उनके खिलाफ निजी और नकारात्मक टिप्पणियों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया।

उनके इस्तीफे को स्वीकार कर लिया गया है उन्हें साल 2018 के 31 मार्च तक नए मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक की नियुक्ति होने तक कार्यकारी उपाध्यक्ष बनाया गया है।

सिक्का ने मीडिया से कहा, जैसा कि आप सब जानते हैं, मैंने अपनी यात्रा 3 साल पहले शुरू की थी। इंफोसिस एक कंपनी से कहीं अधिक है, यह एक प्रतिष्ठित संस्थान है।

इंफोसिस बोर्ड ने कंपनी के मुख्य परिचालन अधिकारी यू.बी. प्रवीण राव को अंतरिम मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक के पद पर नियुक्त किया है। वे सिक्का को रिपोर्ट करेंगे।

इंफोसिस ने एक बयान में कहा, सिक्का रणनीतिक पहल, प्रमुख ग्राहक संबंधों और प्रौद्योगिकी विकास पर ध्यान देते रहेंगे। वह बोर्ड को रिपोर्ट करेंगे।

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प्रादेशिक

एस्सार ग्रुप के सह-संस्‍थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन

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मुंबई। एस्सार ग्रुप के सह-संस्‍थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है। रुइया के पार्थिव शरीर को प्रार्थना और श्रद्धांजलि के लिए वालकेश्वर के बाणगंगा में रखा जाएगा। अंतिम संस्कार यात्रा रुइया हाउस से शाम 4 बजे हिंदू वर्ली श्मशान के लिए निकलेगी।

शशि रुइया ने अपने भाई रवि रुइया के साथ मिलकर एस्सार की स्थापना की थी। वह करीब एक महीने पहले अमेरिका से इलाज करा लौटे थे। मंगलवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक उनका पार्थिव शरीर रुइया हाउस में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। शाम चार बजे रुइया हाउस से शवयात्रा हिंदू वर्ली श्मशान घाट के लिए रवाना होगी।

उद्योगपति शशि रुइया ने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में 1965 में अपने व्यावसायिक दुनिया में कदम रखा। उन्होंने अपने भाई रवि के साथ मिलकर 1969 में चेन्नई बंदरगाह पर एक बाहरी ब्रेकवाटर का निर्माण कर एस्सार की नींव रखी। इसके बाद एस्सार ग्रुप ने इस्पात, तेल रिफाइनरी, अन्वेषण और उत्पादन, दूरसंचार, बिजली और निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार किया।

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