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बिजनेस

सिक्का ने एचपी एंटरप्राइज जाने की खबरों से किया इनकार

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बेंगलुरू, 26 अगस्त (आईएएनएस)| टेक्नोक्रेट विशाल सिक्का ने गुरुवार को सॉफ्टवेयर दिग्गज इंफोसिस के पहले गैर-संस्थापक मुख्य कार्यकारी अधिकारी का पद छोड़ने के बाद शनिवार को एक भारतीय व्यापार चैनल पर आ रही उस खबर का खंडन किया है, जिसमें उनके प्रमुख आईटी कंपनी हेवलेट पैकार्ड एंटरप्राइजेज (एचपीई) जाने की बात कही गई थी।

सिक्का ने सीएनबीसी-टीवी18 को अमेरिका से दिए गए वीडियो साक्षात्कार में बताया, मेरे एचपीई ज्वाइन करने की खबरें गलत है। कोई मुझे अति उत्सुकता के साथ किसी खास खांचे में डालने की कोशिश कर रहा है।

सिक्का (50) के इस बयान से पहले बताया जा रहा है कि इंफोसिस के संस्थापक एन. आर. नारायण मूर्ति ने अपने सहयोगियों को लिखे एक पत्र में कहा था, वह (सिक्का) सीटी (मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी) बनने लायक है, न कि सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी)।

नंदन नीलेकणी के इंफोसिस के बोर्ड में अध्यक्ष के रूप में वापसी को एक उत्कृष्ट विचार बताते हुए सिक्का ने कहा कि वे एक असाधारण नेता और एक प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं।

उन्होंने कहा, मैंने कार्यकारी उपाध्यक्ष का पद भी छोड़ने की पेशकश की है, क्योंकि मुझे लगा कि यह सभी संबंधित पक्षों के सर्वोत्तम हित में है, ताकि नीलेकणी स्वतंत्र रूप से काम करें। इसका यह भी मतलब है उत्तराधिकार की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

सिक्का का इस्तीफा स्वीकार करने के बाद इंफोसिस के बोर्ड ने उन्हें उसी दिन (18 अगस्त) कंपनी का नया कार्यकारी उपाध्यक्ष बना दिया और नए सीईओ की नियुक्ति तक (2018 के 31 मार्च तक) इस पद पर बने रहने को कहा। इसके साथ ही कंपनी ने मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) यू. बी. प्रवीण राव को अंतरिम सीईओ और प्रबंध निदेशक नियुक्त किया।

उन्होंने कहा, मैं पिछले हफ्ते सीईओ के पद से इस्तीफा देने के बाद इंफोसिस को पूरी तरह से छोड़ना चाहता था, लेकिन बोर्ड ने जोर दिया कि निरंतरता की खातिर मैं कुछ दिन और रहूं।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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