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बिजनेस

लंबित स्पेक्ट्रम भुगतान पर ब्याज कम करें : वोडाफोन

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नई दिल्ली, 27 अगस्त (आईएएनएस)| देश के अग्रणी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन ग्रुप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विटोरियो कोलावो ने भारत सरकार से स्पेक्ट्रम के विलंबित भुगतान पर ब्याज दर में कटौती करने का आग्रह किया, साथ ही मोबाइल टर्मिनेशन के लिए निर्धारित शुल्क में अब से कोई कटौती न करने का आग्रह भी किया।

उल्लेखनीय है कि जल्द ही दूरसंचार पर अंतर-मंत्रालयी समूह (आईएमजी) अपनी सिफारिशें जारी करने वाली है।

कोलावो ने संचार मंत्री मनोज सिन्हा को भेजी चिट्ठी में लिखा है, हम आशा करते हैं कि आईएमजी विलंबित स्पेक्ट्रम भुगतान पर ब्याज दरों में कटौती कर 6.52 फीसदी करने की सिफारिश करेगा, जैसा कि मैक्रो इकोनॉमिक क्षेत्र में किया गया है, साथ ही स्पेक्ट्रम की भुगतान अवधि में वृद्धि की भी सिफारिख करेगा।

इस पत्र की एक प्रति आईएएनएस के पास भी है। कंपनी ने उल्लेख किया है कि उसने भारत में मोबाइल नेटवर्क के निर्माण के लिए 1,340 अरब रुपये का निवेश किया है।

पत्र में कहा गया है, मोबाइल टर्मिनेशन शुल्क के बारे में आई खबरों को लेकर हम गंभीर रूप से चिंतित हैं कि नियामक एमटीसी में कटौती करने की सोच रहा है, वह भी ऐसे समय में जब उद्योग भारी कठिनाइयों का सामना कर रहा है। एमटीसी में कटौती के चलते देश के ग्रामीण इलाकों में स्थित पहले से ही मुनाफा नहीं दे रही साइटें बंद होने का खतरा बढ़ जाएगा, जो मोबाइल टेलीफोन की जनसंख्या कवरेज को बहुत कम कर देंगे।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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