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बिजनेस

रियल एस्टेट विनियमों में कमियों को दूर करेगी सरकार : तोमर

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नई दिल्ली, 28 अगस्त (आईएएनएस)| केंद्रीय आवास एवं शहरी मामले, ग्रामीण विकास, पंचायती राज और पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को 2022 तक सभी के लिए आवास, के लक्ष्य को हर हालत में प्राप्त करने की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने रियल एस्टेट क्षेत्र को भरोसा दिया कि नीतिगत संबंधित सभी शिकायतों का उचित समाधान किया जाएगा।

नरेडको के 14 वें राष्ट्रीय सम्मेलन में मंत्री ने कहा कि रियल एस्टेट और किफायती आवास का विकास सभी हितधारकों की सामूहिक जिम्मेदारी है और इसलिए सरकार को इस क्षेत्र को विनियमित करने की नीतियों को बेहतर बनाने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सस्ते घरों के सपने को पूरा करने के लिए वर्तमान सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और सरकार इस लक्ष्य को प्राप्त करने में प्रभावी भूमिका निभाने में कोई संकोच नहीं करेगी और न ही कोई कमी छोड़ेगी।

तोमर ने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र के विकास में बाधक सभी कमियों और बाधाओं को पहले ही दूर कर दिया गया है और ये एक तथ्य है कि सरकार ने पहले से ही अनुकूल विनियमों को लागू कर दिया है। इससे पूर्व में इस क्षेत्र के विकास में बाधक सभी नीतियों को भी खारिज कर दिया गया है जो कि रियल एस्टेट और निर्माण क्षेत्र के समान विकास में लगातार मुश्किलें पैदा कर रही थीं। इन सभी परिवर्तनों से आने वाले समय में बदलाव आएगा और इनका असर भी दिखेगा।

उन्होंने उद्योग से कहा कि रियल एस्टेट संबंधित नए नियमों के साथ, अधिकांश राज्यों ने नए रियल एस्टेट नियमों को लागू करना शुरू कर दिया है। नई परियोजनाओं के लिए उनके साथ पंजीकरण आवश्यक है और इसलिए इन नए बदलावों पर रियल एस्टेट सेक्टर भी प्रमुख तौर पर सहमत ही है।

मंत्री ने बताया कि नए मानदंड काफी निष्पक्ष और उचित हैं और सभी हितधारकों के लिए हर तरह से लाभदायक हैं और ऐसे में सरकार को उम्मीद है कि इस क्षेत्र में काफी तेजी से कई गुणा बढ़ोतरी होगी और बड़ी संख्या में नए रोजगार भी पैदा होंगे।

इस अवसर पर उपस्थित अन्य सदस्यों में नरेडको के चेयरमैन राजीव तलवार, नरेडको के अध्यक्ष परवीन जैन, निरंजन हीरानंदानी और उद्योग के अन्य दिग्गज शामिल थे।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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