नेशनल
बहुपक्षीय कूटनीतिज्ञ हैं हरदीप सिंह पुरी (परिचय)
नयी दिल्ली, 3 सितंबर (आईएएनएस)| नरेंद्र मोदी सरकार में रविवार को बतौर राज्यमंत्री शामिल किए गए भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के पूर्व अधिकारी हरदीप सिह पुरी को बहुपक्षीय कूटनीतिक क्षेत्रों में चार दशकों का लंबा अनुभव रहा है।
पुरी (65) वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए थे। वह ब्राजील में भारत के राजदूत रहे और संयुक्त राष्ट्र में जेनेवा (2002-05) एवं न्ययार्क (2009-13)में भारत का स्थायी प्रतिनिधित्व किया।
वह एक मात्र ऐसे भारतीय हैं, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता की और इसके आतंकवाद निरोधक इकाई के अध्यक्ष बने।
वर्ष 1987 में कोलंबो में भारतीय उच्चायोग के प्रथम सचिव के तौर पर वह जाफना गए और लिट्टे प्रमुख वी.प्रभाकरण से मुलाकात की। पुरी ने श्रीलंका में जातीय संघर्ष खत्म करने के लिए भारत और श्रीलंका के बीच होने वाले शांति समझौते को समझने के लिए प्रभाकरण को नई दिल्ली आने के लिए राजी किया।
दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज में शिक्षा प्राप्त करने के समय भी वह वहां छात्र नेता थे और जेपी आंदोलन के दौरान भी वह सक्रिय रहे।
पुरी फरवरी वर्ष 2013 में आईएफएस से सेवानिवृत्त हुए और न्यूयार्क स्थित गैर लाभकारी थिंक टैंक अंतर्राष्ट्रीय शांति संस्थान (आईपीआई) में शामिल हुए। बाद में वह इस संस्थान के उपाध्यक्ष भी बने।
पुरी नई दिल्ली स्थित थिंक टैंक ‘विकासशील देशों के लिए अनुसंधान एवं सूचना प्रणाली (आरआईएस)’ के अध्यक्ष एवं चैयरमेन बने। यह थिंक टैंक मुख्यत: अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों एवं विकास सहयोग पर नीतिगत अध्ययन करता है।
वह ‘पेरिलस इंटरवेंशन : द सिक्युरिटी काउंसिल एंड द पॉलटिक्स ऑफ चाओस’ नामक किताब के लेखक भी हैं और समकालिक वैश्विक मुद्दे एवं रणनीतिक, शांति, सुरक्षा के मुद्दे पर विकास के जानकार रहे हैं।
पुरी विदेश मंत्रालय में आर्थिक संबंध के सचिव, यूरोप पश्चिम के संयुक्त सचिव और अमेरिका में संयुक्त सचिव के पद पर रहे। उन्हें अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कानून एवं विवादस्पद प्रस्ताव का लंबा अनुभव रहा है।
नेशनल
5.6 मिलियन फॉलोअर्स वाले एजाज खान को मिले महज 155 वोट, नोटा से भी रह गए काफी पीछे
मुंबई। टीवी एक्टर और पूर्व बिग बॉस कंटेस्टेंट एजाज खान इस बार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने उतरे थे। हालांकि जो परिणाम आए हैं उसकी उन्होंने सपने में भी उम्मीद नहीं की होगी। एजाज आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के टिकट पर वर्सोवा सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे लेकिन उन्होंने अभी तक केवल 155 वोट ही हासिल किए हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि नोटा को भी 1298 वोट मिल चुके हैं। इस सीट से शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के हारून खान बढ़त बनाए हुए हैं जिन्हें अबतक करीब 65 हजार वोट मिल चुके हैं।
बता दें कि ये वहीं एजाज खान हैं जिनके सोशल मीडिया पर 5.6 मिलियन फॉलोअर्स हैं। ऐसे में बड़ी ही हैरानी की बात है कि उनके इतने चाहने वाले होने के बावजूद भी 1000 वोट भी हासिल नहीं कर पाए। केवल 155 वोट के साथ उन्हें करारा झटका लगा है।
-
मनोरंजन3 days ago
क्या श्वेता तिवारी ने कर ली है तीसरी शादी, जानें इस खबर की सच्चाई
-
नेशनल3 days ago
धीरेन्द्र शास्त्री की एकता यात्रा आज से शुरू, सीएम मोहन यादव और भोजपुरी सिंगर खेसारी लाल यादव ने भेजी शुभकामनाएं
-
नेशनल3 days ago
पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर
-
ऑफ़बीट3 days ago
IND VS AUS: ताश के पत्तों की तरह बिखरा भारत का बैटिंग आर्डर, पूरी टीम 150 रनों पर ढेर
-
छत्तीसगढ़3 days ago
सीएम विष्णुदेव साय ने देखी ‘द साबरमती रिपोर्ट’, पत्नी भी थीं साथ
-
Success Story2 days ago
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत
-
नेशनल2 days ago
आज शाम दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय जाएंगे पीएम मोदी, कार्यकर्ताओं को करेंगे संबोधित
-
ऑफ़बीट2 days ago
बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन