अन्तर्राष्ट्रीय
धार्मिक असहिष्णुता पर गहरी चुप्पी तोड़ें मोदी : न्यूयार्क टाइम्स
वाशिंगटन | राष्ट्रपति बराक ओबामा ने हाल ही में कहा था कि भारत में उपजी धार्मिक असहिष्णुता ने महात्मा गांधी द्वारा शुरू की गई मुहिम को प्रभावित किया है। इसके बाद न्यूयार्क टाइम्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मुद्दे पर चुप्पी तोड़ने की अपील की है। व्हाइट हाउस ने कहा है कि महात्मा गांधी की विरासत अमेरिका के लिए भी प्रेरणा है, वहीं एक द्विदलीय आयोग ने भी एकसुर से राष्ट्रपति के बयान की प्रशंसा की है और विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इसने विश्वभर की सरकारों को धार्मिक आजादी का सम्मान करने के लिए प्रेरित किया है।
इस बीच, न्यूयार्क टाइम्स ने शनिवार को अपने संपादकीय ‘मोदीज डेंजरस साइलेंस’ में लिखा है, भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा पर नरेंद्र मोदी को चुप्पी तोड़ने में कितना वक्त लगेगा। संपादकीय के मुताबिक, भारतीयों का नेतृत्व करने और उनकी सुरक्षा के लिए निर्वाचित व्यक्ति ने अब तक ईसाइयों के धर्मस्थलों पर हुए हमले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। पैसे का प्रलोभन देकर कई ईसाइयों और मुसलमानों के हिंदू धर्म में किए गए धर्मातरण पर भी उन्होंने कुछ नहीं बोला है।
न्यूयार्क टाइम्स ने कहा है, बढ़ती असहिष्णुता में मोदी की लगातार चुप्पी लोगों को यह संकेत दे रही है कि वह न तो हिंदू राष्ट्रवादी उपद्रवी तत्वों को नियंत्रित कर सकते हैं और न ही करना चाहते हैं। ओबामा ने पिछले महीने अपने भारत दौरे के दौरान नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में कहा था कि अगर भारत धार्मिक आधार पर बंटा तो प्रगति नहीं कर पाएगा। अखबार ने ओबामा के इस वक्तव्य का जिक्र करते हुए कहा है कि मोदी को धार्मिक असहिष्णुता पर अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए। इस बीच अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग ने भारत के साथ संबंध सुदृढ़ करने के प्रयास पर ओबामा की सराहना की तथा भारत दौरे और गुरुवार को नेशनल प्रेयर ब्रेकफास्ट में धार्मिक आजादी के मुद्दे पर कही गई उनकी बातों का समर्थन किया।
IANS News
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।
इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।
इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
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