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बिजनेस

जीएसटी : 65,000 करोड़ रुपये के क्रेडिट दावों से आयकर विभाग भौचक

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नई दिल्ली, 15 सितम्बर (आईएएनएस)| जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के तहत व्यापारियों द्वारा 65,000 करोड़ रुपये का परिवर्ती क्रेडिट दावा किया गया है, जिससे सरकार और कर अधिकारी भौचक हैं और 1 करोड़ रुपये से अधिक के दावों की सत्यता की जांच की तैयारी में जुट गए हैं।

केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने अपने अधिकारियों से कहा कि 1 करोड़ रुपये से ऊपर के सभी परिवर्ती क्रेडिट दावों की जांच करें, क्योंकि विभाग ‘गलती या भ्रम’ के कारण अपात्र दावा किए जाने की संभावना जता रहा है।

अगर 65,000 करोड़ रुपये के परिवर्ती क्रेडिट दावे सही पाए जाते हैं तो इससे जीएसटी के तहत राजस्व इकट्ठा होने का जो अनुमान लगाया गया था, उससे काफी कम राजस्व मिलेगा।

इसके अलावा सरकार को व्यापारियों से इनपुट टैक्स क्रेडिट का क्लेम भी मिला है, जिसके आंकड़े अभी सामने नहीं आए हैं।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार ने जीएसटी के अंतर्गत जुलाई में 64 फीसदी अनुपालन के साथ 95,000 करोड़ रुपये का राजस्व इकट्ठा किया है।

सीबीईसी के विशेष सचिव और सदस्य महेंद्र सिंह ने देश भर के मुख्य आयुक्तों को लिखी चिट्ठी में कहा, जीएसटी नेटवर्क से प्राप्त बयान में पता चला है कि अभी तक पंजीकृत लोगों ने 65,000 करोड़ रुपये से अधिक का सीजीएसटी परिवर्ती क्रेडिट के रूप में दावा किया है। ऐसी संभावना है कि कई सारे दावे गलती या भ्रम के कारण भी कर दिए गए होंगे। तदनुसार, यह वांछित है कि 1 करोड़ रुपये से अधिक के दावे की समयबद्ध तरीके से जांच की जाए।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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