बिजनेस
जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की तिथि अब नहीं बढ़ेगी : हसमुख अधिया
बेंगलुरू, 16 सितम्बर (आईएएनएस)| सरकार ने शनिवार को जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि एक बार और बढ़ाने की संभावना से इनकार कर दिया और लोगों को सलाह दी कि अंतिम तिथि का इंतजार नहीं करें और उससे पहले रिटर्न दाखिल कर दें।
राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने आईटी गड़बड़ियों के निदान के लिए बनाई गई मंत्रियों की समिति (जीओएम) की यहां पहली बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, हमने जीएसटी फाइलिंग के लिए पहले ही काफी समय दिया है। कम से कम छह महीनों के लिए करदाताओं को वक्त दिया गया है ताकि वे अपना आकलन दाखिल कर सकें। इसके बाद कोई विस्तार नहीं दिया जाएगा।
जीएसटी परिषद ने व्यापारियों को जीएसटीआर-3बी दाखिल करने के लिए दिसंबर तक का वक्त दिया है, ताकि वे अपनी बिक्री और खरीद का खुद आकलन कर दाखिल कर सकें।
उन्होंने कहा, शुरुआती गड़बड़ी है, लेकिन बड़े पैमाने पर कोई गड़बड़ी नहीं है। शुरुआती मुद्दों को हल करने की जरूरत है। हमने इस संबंध में कार्ययोजना बनाई है।
बिहार के उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता सुशील कुमार मोदी इस जीओएम के प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि 30 अक्टूबर तक 70-80 फीसदी तकनीकी गड़बड़ियों को दूर कर लिया जाएगा।
आईटी कंपनी इंफोसिस जीएसटीएन की आईटी अवसंरचना की देखभाल करती है।
बिजनेस
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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