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बिजनेस

घरेलू विमान यात्रियों में 16 फीसदी वृद्धि

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नई दिल्ली, 18 सितम्बर (आईएएनएस)| देश के घरेलू विमान यात्रियों की संख्या में अगस्त में 15.63 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई और कुल 96.90 लाख लोगों ने विमान यात्रा की, जबकि साल 2016 के समान माह में यह आंकड़ा 83.81 लाख का था।

क्रमिक आधार पर जुलाई में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या में 12.43 फीसदी की वृद्धि हुई थी और कुल 95.65 लाख लोगों ने सफर किया।

नागरिक उड्डयन नियामक नागर विमानन महानिदेशालय(डीजीसीए) के आंकड़ों के मुताबिक जनवरी से अगस्त के बीच यात्रियों की संख्या में करीब 17 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

डीजीसीए ने अपनी मासिक घरेलू ट्रैफिक रिपोर्ट में कहा, जनवरी से अगस्त के दौरान कुल 754.11 लाख यात्रियों ने घरेलू विमान यात्रा की, जबकि पिछले साल की समान अवधि के दौरान यह आंकड़ा 644.68 लाख थी। इस तरह से कुल 16.97 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है।

आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त में किफायती विमान सेवा (एलसीसी) स्पाइसजेट के पास सबसे ज्यादा यात्री लोड फैक्टर (पीएलएफ- इससे विमान क्षमता का उपयोग नापा जाता है) 94.5 फीसदी था।

स्पाइसजेट के बाद दूसरी किफायती विमान सेवा एयर एशिया का पीएलएफ 85.8 फीसदी, गो एयर का 85.4 फीसदी, इंडिगो का 83.6 फीसदी और विस्तारा का 83.4 फीसदी था।

वहीं, समय की पाबंदी के मामले में इंडिगो सबसे आगे रही, जिसकी चार प्रमुख हवाईअड्डो – बेंगलुरू, नई दिल्ली, हैदराबाद और मुंबई से सेवा की दर (समय पर सेवा मुहैया कराना) 86.6 फीसदी रही। इसके बाद स्पाइस जेट (78.7 फीसदी), विस्तारा (74.5 फीसदी) और गो एयर (74.2 फीसदी) रही।

घरेलू विमान के रद्द होने की कुल दर अगस्त में 0.83 फीसदी रही। इस दौरान यात्रियों की कुल 599 शिकायतें दर्ज की गई।

नागर विमानन नियामक ने कहा, प्रति 10,000 यात्रियों पर शिकायतों की दर अगस्त में करीब 0.62 रही है।

आंकड़ों से पता चलता है कि बाजार हिस्सेदारी के मामले में 38 फीसदी के साथ इंडिगो सबसे आगे है। इसके बाद जेट एयरवेज (15.9 फीसदी), स्पाइस जेट (14 फीसदी), एयर इंडिया (13.2 फीसदी) और गो एयर (8 फीसदी) है।

एयर एशिया इंडिया की बाजार हिस्सेदारी 4.3 फीसदी है। इसके बाद विस्तारा की 3.7 फीसदी, जेट लाइट की 2.4 फीसदी और ट्रजेट की 0.5 फीसदी है।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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