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विश्व कप : 1992 का इतिहास दोहराने उतरेगा पाकिस्तान

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सिडनी| आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में 14 फरवरी से शुरू हो रहे आईसीसी विश्व कप 2015 के लिए क्रिकेट विशेषज्ञ भले ही पाकिस्तान को प्रबल दावेदार नहीं मान रहे हों, लेकिन 23 साल पहले इसी क्षेत्र में पाक टीम द्वारा रचे गए इतिहास को भी नहीं भुला जा सकता। यह भी सही है कि 23 सालों में क्रिकेट काफी बदला है और यह जरूरी नहीं कि पाकिस्तानी टीम उस इतिहास को दोहराने में कामयाब हो ही जाए।

पाकिस्तान की टीम में फिलहाल ऐसा कोई स्टार या बड़ा खिलाड़ी नजर नहीं आ रहा। साथ ही कुछ खिलाड़ियों के टूर्नामेंट से बाहर होने के कारण भी टीम की मुश्किलें बढ़ी हैं।

हरफनमौला खिलाड़ी मोहम्मद हफीज और बाएं हाथ के तेज गेंदबाज जुनैद खान का विश्व कप से ठीक पहले टीम से बाहर होना पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका है। सईद अजमल को हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने गेंदबाजी की इजाजत दे दी है लेकिन वह पाकिस्तान टीम में शामिल किए जाएंगे या नहीं, इसका जवाब आना बाकी है।

पाकिस्तान टीम को कुछ दिनों पहले ही न्यूजीलैंड से दोनों एकदिवसीय में हार का सामना करना पड़ा। यह हार भी टीम की तैयारियों पर सवाल खड़े करती है।

ऐसे में 40 वर्षीय मिस्बाह उल हक के नेतृत्व में पाकिस्तानी टीम इतिहास रच पाएगी या नहीं, इस पर संदेह है। पाकिस्तान ने हालांकि 23 साल पहले मेलबर्न क्रिकेट मैदान (एमसीजी) पर इमरान खान के नेतृत्व में विश्व कप ट्रॉफी जीतकर पूरी दुनिया को हैरान कर दिया था।

मिस्बाह ने इमरान खान की तरह विश्व कप से काफी पहले ही टूर्नामेंट के बाद एकदिवसीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी है।

गेंदबाजी हमेशा से पाकिस्तान का मजबूत पक्ष रहा है। इस बार इसकी जिम्मेदारी मोहम्मद इरफान, वहाब रियाज जैसे बाएं हाथ के गेंदबाजों पर होगी। सबकी नजरें पाकिस्तान के अनुभवी खिलाड़ी शाहिद आफरीदी पर भी होंगी। उनकी विस्फोटक बल्लेबाजी और स्पिन गेंदबाजी में टीम को टूर्नामेंट में दूर तक ले जाने की क्षमता है।

विश्व कप में पाकिस्तान ग्रुप-बी में है जहां दक्षिण अफ्रीका, वेस्टइंडीज, जिम्बाब्वे, आयरलैंड, संयुक्त अरब अमीरात और मौजूदा चैम्पियन भारत जैसी टीमें हैं।

पाकिस्तान और भारत को टूर्नामेंट का अपना पहला मैच एक-दूसरे के खिलाफ एडिलेड ओवल में 15 फरवरी को खेलना है। विश्व कप में पाकिस्तान आखिरी बार भारत से 2011 के सेमीफाइनल में भिड़ा था, जहां उसे हार का सामना करना पड़ा। वैसे, भारत हमेशा ही विश्व कप में पाकिस्तान को परास्त करता आया है।

बहरहाल, पाकिस्तान के पास 1992 विश्व कप की अच्छी यादें हैं, जब पहली बार कृत्रिम रौशनी और खिलाड़ियों की रंगीन जर्सी के साथ विश्व कप टूर्नामेंट खेला गया। ऐसे में उसकी कोशिश उस इतिहास को ही दोहराने की होगी।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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