बिजनेस
एयरटेल ने आईयूसी पर ट्राई के फैसले की आलोचना की
नई दिल्ली, 20 सितम्बर (आईएएनएस)| मोबाइल टर्मिनेशन लागत को 14 पैसे से घटाकर छह पैसे करने के भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) के फैसले के एक दिन बाद बुधवार को भारती एयरटेल ने इसे इंडस्ट्री के लिए ‘बेहद निराशाजनक निर्णय’ बताया । भारती एयरटेल ने बयान में कहा, हम इंटरकनेक्शन यूजेज चार्जेज(आईयूसी) पर नए नियम से काफी दुखी हैं, वह भी ऐसे वक्त जब उद्योग भारी वित्तीय मुश्किलों को सामना कर रहा है।
बयान के अनुसार, पूरी तरह से अपारदर्शी तरीके से लाए गए प्रस्तावित आईयूसी की दरें, केवल एक ऑपरेटर को फायदा पहुंचाएगी जो अपने पक्ष में विशाल बड़ी ट्रैफिक विषमता का फायदा उठा रहा है।
भारतीय टेलिकॉम नियामक प्राधिकरण ने कहा है कि 1 जनवरी 2020 तक आईयूसी को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा।
भारती एयरटेल ने कहा, आईयूसी की दरों में तेजी से कमी दूसरे ऑपरेटरों को इसके लागत के केवल ट्रांसफर भाग में ही फायदा पहुंचाएगी, जिससे इंडस्ट्री की वित्तीय हालत और खराब होगी। इंडस्ट्री के हिस्से के रूप में, जिसकी आर्थिक दशा लगातार खराब हो रही है, हम वास्तव में इस निर्णय से बेहद दुखी है।
भारती एयरटेल का शेयर मुंबई शेयर बाजार सूचकांक में बुधवार सुबह दस बजकर दो मिनट पर 385.05 प्रति शेयर ट्रेंड कर रहा था जो कि 2.44 प्रतिशत नीचे दर्ज किया गया।
बिजनेस
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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