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बिजनेस

डिजिटल नवाचार को जमीन पर उतारने का समय : रिलायंस

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नई दिल्ली, 29 सितम्बर (आईएएनएस)| भारत के पास जमीनी स्तर पर रोजगार, उद्यम और नवाचार के क्षेत्र में डिजिटल आंदोलन शुरू करने का अद्भुत अवसर है। इंडिया मोबाइल कांग्रेस(आईएमसी) 2017 के समापन के दिन रिलांयस जियो के नेटवर्क, वैश्विक रणनीति और सेवा विकास के अध्यक्ष मैथ्यू ओमन ने कहा, देश के पास न केवल रोजगार पैदा करने की क्षमता है, बल्कि तालुका स्तर तक नवाचार पैदा करने की भी क्षमता है।

ओमन ने कहा, इसे डिजिटल युग का पंचायती राज कहते हैं। हमारे पास अंतहीन संभावनाएं हैं। डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया और स्टार्ट-अप इंडिया जैसे कार्यक्रमों से हम कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति के लिए अवसर पैदा कर सकते हैं।

उन्होंने कहा, एलटीई का मतलब मेरे लिए ‘लर्न टू अर्न’ प्रौद्योगिकी है। यह एक बड़ा प्रतिमान स्थापित होने वाला है, जिससे डिजिटल सशक्तिकरण आएगा और स्थापित होगा तथा एक सुरक्षित और डिजिटल भारत बनेगा।

उन्होंने कहा कि मेरे अनुसार वर्ष 2017 बढ़े हुए अवसर का समय है।

ओमन ने कहा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता(एआर), आभाषी वास्तिवकता(वीआर), दृश्य ग्राफिक्स, प्राकृतिक भाषा संस्करण और प्राकृतिक भाषा सोच के साथ जिस तरह से हम व्यापार कर रहे हैं, उससे बहुत जल्दी ही बदलाव आएगा।

डाटा सुरक्षा को बढ़ाने की जरूरत पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि हमारे देश और हरेक व्यक्ति की निजता व सुरक्षा आज हमारी मुख्य जिम्मेदारी है।

उन्होंने कहा कि किसी को भी हमें यह बताने की जरूरत नहीं है कि हम यह कैसे करें। हमलोग काफी बुद्धिमान हैं और हमारे पास ऐसा करने के लिए आधारभूत संरचना है।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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