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बिजनेस

देश का राजकोषीय घाटा लक्ष्य के 96 फीसदी से अधिक

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नई दिल्ली, 29 सितंबर (आईएएनएस)| देश का अप्रैल से अगस्त के बीच का राजकोषीय घाटा 5.25 लाख करोड़ रुपये रहा, जो साल के पूर्ण बजट लक्ष्य 5.46 लाख करोड़ रुपये का 96.1 प्रतिशत बैठता है।

लेखा महानियंत्रक (सीजीए) द्वारा जारी आंकड़े से पता चलता है कि अप्रैल-अगस्त का राजकोषीय घाटा पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में बजट का 76.4 प्रतिशत था। लेकिन वित्त वर्ष 2017-18 के प्रथम पांच महीनों में राजकोषीय घाटा पूरे साल के लक्ष्य के 96 प्रतिशत से अधिक हो गया।

2017-18 का घाटा (राजस्व और खर्च के बीच का अंतर) बढ़कर 5.46 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जबकि पिछले वित्तवर्ष में यह 5.34 लाख करोड़ रुपये था।

सीजीए के आंकड़े के अनुसार, समीक्षाधीन अवधि के दौरान कर राजस्व 3.40 लाख करोड़ रुपये, या अनुमान का 27.8 प्रतिशत था, जबकि वित्तवर्ष के प्रथम पांच महीनों के दौरान कुल प्राप्तियां (राजस्व और गैर ऋण पूंजी से) 4.25 लाख करोड़ रुपये, या मौजूदा वित्तवर्ष के अनुमान का 26.6 प्रतिशत थी।

आंकड़े के अनुसार, अप्रैल-अगस्त के दौरान कुल खर्च 9.50 लाख करोड़ रुपये, या पूरे वित्तवर्ष के अनुमान का 44.3 प्रतिशत था। समीक्षाधीन अवधि के दौरान राजस्व घाटा 4.30 लाख करोड़ रुपये, या अनुमान का 133.9 प्रतिशत था।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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