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बिजनेस

एप्पल को पछाड़ हुआवेई चीन में बना नंबर वन

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बीजिंग, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| चीन में अपनी जड़ों को मजबूत करने में जुटे एप्पल को बड़ा झटका लगा है। एक सर्वे में खुलासा हुआ है कि चीन के स्मार्टफोन खरीदारों ने आईफोन के बजाए घरेलू ब्रांड पर भरोसा जताया है।

खरीदारों का कहना है कि उनकी पहली पसंद हुआवेई है। फाइनेंशल टाइम्स के एक सर्वे के मुताबिक, 31.4 फीसदी से ज्यादा उत्तरदाताओं ने हुआवेई को अपना पंसदीदा ब्रांड चुना और हुआवेई ग्राहकों की पहली पसंद बन गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है, जो लोग यह कहते थे कि उनका अगला स्मार्टफोन आईफोन होगा उनकी संख्या सितम्बर माह में गिरकर 24.2 फीसदी पर पहुंच गई है जो कि 2016 में आईफोन 7 के लॉन्च के वक्त 25.8 फीसदी थी और 2015 में 31.4 फीसदी।

चीन की स्मार्टफोन निर्माता कंपनी हुआवेई ने जून-जुलाई में अपनी सधी हुई बिक्री से पहली बार एप्पल को विश्व स्तर पर मात दी है।

काउंटरपॉइंट रिसर्च के नवीनतम ‘मार्केट पल्स फॉर जुलाई 2017’ के मुताबिक, विश्व में दक्षिण कोरियाई कंपनी सैमसंग के बाद चीन की विक्रेता कंपनी दूसरे स्थान पर है।

हुआवेई, ओप्पो, वीवो और श्यओमी ने सफलतापूर्वक प्रमुख आपूर्ति श्रृंखला भागीदारों में अपनी पहुंच बना ली है, जिसके कारण उन्हें बेजल-मुक्त, पूर्ण डिस्प्ले, बढ़ी हुई वास्तविकता, इन-होम चिपसेट और उन्नत कैमरा सुविधाओं के साथ डिजाइन लॉन्च करने की अनुमति दी गई है।

काउंटरपॉइंट के एसोसिएट डायरेक्टर तरुण पाठक के मुताबिक, चीनी ब्रांडों की वृद्धि महत्वपूर्ण प्रवृत्ति है जिसे कोई भी मोबाइल पारिस्थितिक तंत्र का बड़ा खिलाड़ी नजरअंदाज नहीं कर सकता है।

एफटी रिपोर्ट के मुताबिक, एप्पल खरीदारों द्वारा सुपर-प्रीमियम आईफोन एक्स के लिए इंतजार करना और आईफोन 8 की कमजोर मांग को आंशिक रूप से दोषी ठहराया गया है।

सर्वेक्षण में कहा गया है कि एप्पल के नए मॉडल – आईफोन 8 और आईफोन 8 प्लस चीन में पिछले लॉन्च हुए डिवाइस के मुकाबले उम्दा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं।

चीन में एप्पल की लोकप्रियता में गिरावट इसलिए भी है क्योंकि बाजार में खरीदार महंगे मॉडल के बजाय मध्य बजट वाले फोन में ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं।

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नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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