बिजनेस
एसएसपी ग्लोबल भारत में 5 साल में 225 स्टोर खोलेगी
नई दिल्ली, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)| एसएसपी ग्लोबल कारोबार अनुकूल माहौल के मद्देनजर भारतीय बाजार में प्रवेश कर रही है।
कंपनी की अगले पांच साल में 100 करोड़ रुपये निवेश की योजना है। खाद्य एवं पेय क्षेत्र की यह कंपनी भारत में मैकडोनाल्ड्स बंद होने के मौके को भुनाना चाहती है और इसी रणनीति के तहत अगले पांच साल में देशभर में 225 स्टोर खोलने जा रही है। कंपनी के स्टोर्स 2018 की पहली तिमाही से खुलने जा रहे हैं।
विश्व की दूसरी सबसे बड़ी खाद्य एवं यात्रा कंपनी को मैकडोनाल्ड्स के बंद होने से ज्यादा फायदा होता नहीं दिख रहा है, लेकिन कंपनी आश्वस्त है कि मैकडोनाल्ड्स के कुछ ग्राहक उनके पास आ सकते हैं।
कंपनी के कारोबार निदेशक सुख तिवाना ने आईएएनएस को बताया, हमने भारत में अगले पांच साल में 225 स्टोर खोलने की योजना बनाई है। हमारे तीन ब्रांड कॉफी शॉप रिताजा, अप्पर क्रस्ट बेकरी और मल्लीज कुकीज हैं। इनमें से कॉफी शॉप रिताजा का कड़ा मुकाबला पहले से भारतीय बाजार में पैठ जमा चुके कैफे कॉफी डे से होगा। मैकडोनाल्ड्स की ब्रांड पॉजिशनिंग और उत्पाद हमसे थोड़े अलग हैं तो वह सीधे प्रतिस्पर्धा में नहीं हैं। लेकिन उसके ग्राहकों को अपनी ओर लाने की कोशिश रहेगी।
तिवाना अपनी कारोबारी रणनीति के बारे में कहते हैं, शुरुआत में हमारा फोकस तीन शहरों दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरू पर रहेगा, लेकिन बाद में 12 शहरों पर ध्यान दिया जाएगा। पहले साल में हर ब्रांड के 25 स्टोर खोलने की योजना है, जो पूरे देश में खोले जाएंगे। पांच साल में 100 करोड़ रुपये निवेश किया जाएगा।
कंपनी फ्रेंचाइजी इंडिया के साथ भारतीय बाजार में उतर रही है। बाजार में मुख्य प्रतिद्वंद्वियों के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, हमारे दो ब्रांड मल्लीज कुकीज का कोई प्रतिद्वंद्वी नहीं है। हमारे दो नए ब्रांड हैं। हालांकि, कैफे कॉफी डे से टक्कर है, लेकिन हमारा पूरा ध्यान गुणवत्ता पर रहेगा।
यह पूछने पर कि एसएसपी ग्लोबल के पास खास क्या है? वह बताते हैं, भारत में वैश्विक ब्रांड कम ही हैं, इसलिए यहां अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के लिए काफी स्कोप है। हमारे पास 30 देशों में काम करने का अनुभव है। कुल 400 ब्रांड हैं। अन्य देशों के बाजारों में काम करने की जानकारी है, जिसे हम यहां भुनाएंगे।
देश में नोटबंदी और जीएसटी जैसे दो बड़े बदलावों के बारे में पूछने पर फ्रेंचाइजी इंडिया के चेयरमैन गौरव मार्या कहते हैं कि नोटबंदी और जीएसटी दोनों से रिटेलर को यकीनन फायदा पहुंचा है और आगे भी फायदा ही होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं के बारे में गौरव कहते हैं, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत में कारोबार करने को लेकर उत्साह है। जीएसटी के आने से बहुत फर्क पड़ा है। असल बात यह है कि असंगठित क्षेत्र ही कर देता था तो संगठित क्षेत्र को उससे कंपीट करना मुश्किल होता था। लेकिन अब जीएसटी से फर्क पड़ा है। कई कारणों से अंतर्राष्ट्रीय ब्रांड भारत आने से हिचकिचाते थे, लेकिन मोदी के आने से भावना बदली है, विदेशी निवेश बढ़ा है। अभी तो सिर्फ शुरुआत है, अगले दो-तीन साल में और निवेश भारत आएगा।
वह कहते हैं, हमारे देश की आबादी बहुत है, जिससे पहले देश को नुकसान हो रहा था। लेकिन खपत क्षेत्र को बड़ा कर इसे फायदे में बदला जा रहा है, क्योंकि यही आबादी खपत बढ़ा भी रही है और इस वजह से बाहर की कंपनियां यहां आकर कारोबार कर रही हैं।
मार्या हालांकि कहते हैं कि नोटबंदी और जीएसटी से काफी हद तक असंगठित क्षेत्र के लोगों को तकलीफ हुई है और संगठित क्षेत्र के लोगों को बहुत फायदा हुआ है। अब पारदर्शिता आने से ग्रोथ बढ़ेगी।
बिजनेस
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
-
मनोरंजन2 days ago
क्या श्वेता तिवारी ने कर ली है तीसरी शादी, जानें इस खबर की सच्चाई
-
नेशनल2 days ago
धीरेन्द्र शास्त्री की एकता यात्रा आज से शुरू, सीएम मोहन यादव और भोजपुरी सिंगर खेसारी लाल यादव ने भेजी शुभकामनाएं
-
नेशनल2 days ago
पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर
-
ऑफ़बीट2 days ago
IND VS AUS: ताश के पत्तों की तरह बिखरा भारत का बैटिंग आर्डर, पूरी टीम 150 रनों पर ढेर
-
ऑफ़बीट1 day ago
बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन
-
खेल-कूद2 days ago
IND VS AUS: पर्थ में भारतीय गेंदबाजों का कहर, बैकफुट पर ऑस्ट्रेलिया, 67 रनों पर गंवाए 7 विकेट
-
उत्तर प्रदेश2 days ago
समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की जयंती आज, सीएम योगी समेत बड़े नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
-
नेशनल1 day ago
आज शाम दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय जाएंगे पीएम मोदी, कार्यकर्ताओं को करेंगे संबोधित