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बिजनेस

दिवाली पर चीनी उत्पादों की बिक्री में 40 फीसदी कमी होगी : एसोचैम

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नई दिल्ली, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)| चाहे वह डेकोरेटिव सामान हो जैसे लाइट, गिफ्ट आइटम, लैंप्स या वॉल हैंगिंग उत्पाद हो या अन्य उत्पाद। इनमें चीनी उत्पादों की बिक्री काफी होती रही है। लेकिन इस साल पिछले साल की तुलना में इनकी बिक्री में 40-45 फीसदी की गिरावट का अनुमान है। यह जानकारी एसोचैम-सोशल डेवलपमेंट फाउंडेशन (एएसडीएफ) द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में सोमवार को दी गई।

एसोचैम के महासचिव डी. एस. रावत ने बताया, इस साल दिवाली के दौरान बिकने वाली सजावटी लाइट्स की बिक्री में चीनी उत्पादों की बिक्री 40-45 फीसदी घट सकती है, जबकि चीन में बने इलेक्ट्रॉनिक सामानों जैसे मोबाइल फोन की बिक्री पर भी हल्का असर पड़ेगा। हमारे अध्ययन से पता चला है कि चीनी इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे एलसीडी, मोबाइल फोन की बिक्री में भी 15-20 फीसदी की कमी आएगी।

उद्योग चैंबर का कहना है कि उसने देश भर के थोक बिक्रेताओं, खुदरा बिक्रेताओं और व्यापारियों से अहमदाबाद, बेंगलुरू, भोपाल, चेन्नई, देहरादून, दिल्ली, हैदराबाद, जयपुर, लखनऊ और मुंबई में चीनी उत्पादों की मांग को लेकर बातचीत की है।

एक अनुमान के मुताबिक साल 2016 में दिवाली के दौरान करीब 6,500 करोड़ रुपये के चीनी उत्पादों की बिक्री हुई थी। इनमें से 4,000 करोड़ रुपये से अधिक की दिवाली से संबंधित खिलौनो, फैन्सी लाइट्स, गिफ्ट आइटम्स, प्लास्टिक वेयर और सजावटी सामानों की बिक्री हुई थी।

इस अध्ययन में कहा गया है कि ज्यादातर ग्राहक अब भारतीय लाइट्स की मांग कर रहे हैं।

इस रिपोर्ट में कहा गया, बाजार में चीन में बने फैन्सी लाइट्स की भारी मांग है, लेकिन यह कम हो रही है। साथ ही चीनी उत्पादों की क्वालिटी भी सवालों के घेरे में है, क्योंकि कोई भी दुकानदार इसकी गारंटी नहीं लेता। चीनी पटाखों की तुलना में तमिलनाडु के शिवकाशी में बने पटाखों की अधिक मांग है।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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