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बिजनेस

भारत में अवैध सिगरेट व्यापार से लड़ाई का खर्च उठाएंगे फिलिप मोरिस

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नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| भारतीय सिगरेट बाजार के पांचवें हिस्से पर काबिज अवैध सिगरेट पर, एक वैश्विक तंबाकू प्रमुख ने कहा है कि वह अवैध व्यापार के खिलाफ लड़ाई के लिए समर्पित तीसरे पक्ष की परियोजनाओं के समर्थन के लिए वैश्विक पहल के तहत 10 करोड़ डॉलर के प्रस्तावों को वित्त पोषित करेंगे। मार्लबोरो सिगरेट के निर्माता फिलिप मोरिस इंटरनेशनल (पीएमआई) ने अवैध व्यापार और उससे जुड़े अपराध जैसे की भ्रष्टाचार, नियोजित अपराध और धन शोधन के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे अभियान को समर्थन करने के लिए पीएमआई प्रभाव पहल की स्थापना की है।

कंपनी ने एक बयान में कहा, निजी, सार्वजनिक और गैर सरकारी संगठनों से आवेदन जमा कराने के लिए आमंत्रित किया गया है, ताकि वह पीएमआई प्रभाव के दूसरे चरण के तहत वित्त पोषित कर सकें।

पीएमआई ने प्रतिभूत किया कि पीएमआई प्रभाव के तीन निधि चरण के तहत 10 करोड़ डॉलर देगा।

इस पहल के पहले वित्त पोषण चरण में 200 प्रस्तावों में 32 परियोजनाओं को चुन लिया गया है।

फिलिप मोरिस इंडिया, कॉर्पोरेट मामलों के निदेशक आर. वेंकटेश ने कहा, पीएमआई प्रभाव रचनात्मक समाधान और अभिनव कार्यो को प्रोत्साहित करता है जो अवैध व्यापार के खिलाफ उन्नत वैश्विक प्रयासों को आगे बढ़ाने में मदद करता है।

वेंकटेश ने कहा, भारत में, पीएमआई पिछले दशक से विधि प्रवर्तन और जांच एजेंसियों के साथ मिलकर सिगरेट के अवैध व्यापार के खिलाफ लड़ाई में सहयोग कर रहा है।

फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के एक आकलन के मुताबिक, भारत में सिगरेट की कुल बिक्री का करीब 20 फीसदी अवैध व्यापार होता है।

पीएमआई प्रभाव विशेषज्ञ परिषद की सदस्य एलिन जुएलेट ने कहा, हम आवेदनों को प्राप्त करना चाह रहे ताकि प्रस्तावों के जरिए हम निजी और सार्वजनिक संगठनों को दुनिया भर में इस बढ़ती चिंता के खिलाफ लड़ाई में अपने ज्ञान और दक्षता में सुधार करने में मदद कर सकें।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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