प्रादेशिक
धानुका एग्रिटेक ने भारत में लान्च किया पेस्टीसाइड ‘सेम्प्रा’
लखनऊ। धानुका एग्रिटेक लिमिटेड, पौधों को सुरक्षित रखने के लिए कृषि रसायन बनाने वाली देश की अग्रणी कंपनी, ने आज अपने बहुप्रतीक्षित खरपतवार नाशक ‘‘सेम्प्रा‘‘ को लान्च किया है। धानुका एग्रिटेक द्वारा भारत में पहली बार लान्च किया गया ‘‘सेम्प्रा‘‘ निसान केमिकल इंडस्ट्रीज लिमिटेड, जापान का उत्पाद है। यह उत्पाद पर्यावरण हितैषी है और उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु में गन्ना उत्पादक क्षेत्रों को लाभान्वित करेगा।
सेम्प्रा को कई विश्वविद्यालयों द्वारा मूल्यांकित किया गया और इन विश्वविद्यालयों ने इसकी अनुशंसा की है। इसमें यू.पी. काउसिंल आफ शुगरकेन रिसर्च, नरेन्द्र देवा यूनिवर्सिटी आफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलाजी, फैजाबाद (यूपी), वसंतदादा शुगर इंस्टीट्यूट (महाराष्ट्र) आदि कुछ नाम शामिल हैं।
सेम्प्रा के लान्च पर आर.जी. अग्रवाल, ग्रुप चेयरमैन, धानुका एग्रिटेक लिमिटेड ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा, ‘‘कृषि क्षेत्र में कुल कृषि उत्पादन में गन्ने की हिस्सेदारी लगभग 7 प्रतिशत है। देश में चीनी की खपत तकरीबन 248 लाख डज् है जबकि मौजूदा उत्पादन 250 लाख डज् है। चीनी गन्ने का प्राथमिक उत्पाद है। अनुमान है कि 2030 तक चीनी की खपत बढ़कर 330 लाख डज् पहुंच जायेगी। लगभग दो दशकों से गन्ने के लिए कोई भी सफल खरपतवार नाशक पेश नहीं किया गया है। भारत में गन्ने की बढ़ती मांग को देखते हुये, धानुका एग्रिटेक द्वारा एक विश्वस्तरीय एवं क्रांतिकारी उत्पाद सेम्प्रा को लान्च किया गया है।‘‘
एम.के. धानुका, प्रबंध निदेशक, धानुका एग्रिटेक लिमिटेड ने बताया, ‘‘धानुका एग्रिटेक अपने ग्राहकों के लिए नये एवं खोजपरक उत्पादों को विकसित करने में विश्वास करता है। हमारा उद्देश्य हमेशा किसानों की समृद्धि के लिए कार्य करना रहा है और सेम्प्रा इसी दिशा में उठाया गया एक कदम है। सेम्प्रा को खासतौर से मोथा/डिल्ला पर नियंत्रण पाने के लिए विकसित किया गया है जो कि दुनिया का सबसे कठोर खरपतवार है। इस लान्च की बदौलत, हमें गन्ना किसानों और गन्ना उद्योग की पसंदीदा कंपनी बनने का पूरा भरोसा है।
एक अध्ययन के अनुसार भारत में, खरपतवार के कारण 33 प्रतिशत से अधिक पैदावार नष्ट हो जाती है। इससे लगभग 30,000 करोड़ रूपये मूल्य के खाद्यान उत्पादन को नुकसान पहुंचता है। किसानों और फसलों को सुरक्षित रखने के उद्देश्य के साथ, धानुका एग्रिटेक ने सेम्प्रा को लान्च किया है। सेम्प्रा गन्ने के लिए एकदम सुरक्षित है।
यह खरपतवार उगने के बाद इस्तेमाल किया जाने वाला चुनिंदा एवं अन्तर प्रवाही खरपतवार नाशक है। परिक्षण के दौरान सेम्प्रा इस्तेमाल किये गये खेत में 7-12 प्रतिशत तक अधिक उपज मिलती है। डब्लूडीजी (वाटर डिस्पेंसर ग्रैन्युलेशन)
फार्मुलेशन के कारण यह उत्पाद पौधे के साथ-साथ नट्स को भी नष्ट करता है और फसल को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता।
सेम्प्रा भारत में अधिकृत डीलरों एवं वितरकों के व्यापक नेटवर्क के जरिये उपलब्ध होगा। कंपनी की प्रशिक्षण एवं शैक्षणिक गतिविधियों के माध्यम से नये उत्पाद को बेचने की महत्वाकांक्षी योजना है। इस प्रक्रिया में, धानुका गत वर्षों में 1200 फील्ड डेमो संचालित किये हैं तकरीबन 25000 किसानों ने परिणाम देखे हैं और प्रसन्नता जताई है।
मेसर्स धानुका ऐग्रिटेक लिमिटेड के विषय में:
मेसर्स धानुका ऐग्रिटेक लिमिटेड बेहतर फसल, बेहतर खेती और बेहतर जिंदगी प्राप्त करने में किसानों की मदद के लिए कृषि इनपुट उत्पादों की व्यापक श्रृंखला का उत्पादन करती है। भारत के सभी बड़े राज्यों में विपणन कार्यालयों के जरिए कंपनी की अखिल-भारतीय उपस्थिति है। देश भर में 8,000 से अधिक वितरकों और डीलरों का नेटवर्क है, जो 75,000 से अधिक रिटेलर्स को बिक्री करता है और एक करोड़ से ज्यादा किसानों तक पहुंच बनाता है। कंपनी के 4 अमेरिकी और 4 जापानी कंपनियों के साथ गठबंधन भी हैं।
वर्तमान समय में धानुका एग्रिटेक के देशभर में 30 कार्यालयों के अतिरिक्त 45 वेयरहाउस हैं एवं 200 से अधिक रजिस्टर्ड उत्पादों के साथ ब्रांडेड बिक्री में भारत के प्रथम पांच कंपनियों में से एक है। 200 से अधिक पंजीयन एवं 500 ऐक्टिव एसकेयू के साथ कंपनी की बाजार में विशालतम पैठ है।
धानुका प्रगतिशील किसानों का सबसे पसंदीदा ब्रांड है। व्यापक विपणन नेटवर्क जोकि भारत के आंतरिक इलाकों में भी प्रवेश कर चुका है, कृषि की बढ़ी आय, ऐग्रो-केमिकल की लागत-लाभ दुविधा के विषय में अधिक जागरुकता, विविध उत्पाद श्रृंखला एवं सभी फसलों में लगभग सभी समस्याओं के समाधान, नवोन्मेषी बाजार रणनीतियां तथा अंतर्राष्ट्रीय तकनीकी गठबंधन कंपनी के प्रमुख विकास संचालक हैं। कंपनी अपनी साझेदारी के माध्यम से प्रतिवर्ष नए उत्पादों की पेशकश करती है और भारतीय किसानों के लिए निरंतर नई तकनीक लाने के लिए प्रयासरत है।
धानुका एग्रिटेक लिमिटेड को वर्ष 2010, 2011, और 2013 में फोब्र्स मैगजीन द्वारा तीन बार ‘200 बेस्ट अंडर ए बिलियन कंपनीज इन एशिया पेसिफिक‘ में शामिल किया गया है। कंपनी ने अपने नवीनतम लस्टर उत्पाद के बेहतरीन नवाचार के लिए इंक इंडिया इनोवेटिव 100 अवार्ड: 2013 प्राप्त किया था। कंपनी को वित्त वर्ष 2010-11, वित्त वर्ष 2011-12 लगातार दो वर्षों के लिए ‘1,500 करोड़ रूपये के अंतर्गत भारत की सबसे तेजी से बढ़ने वाले ‘इंक इंडिया 500‘ भी दिया गया था।
कंपनी को हाल में भारत की उत्कृष्ट कंपनियों की प्रतिष्ठित सूचीः इंक इंडिया-हाॅल आॅफ फेम-2014 में भी जगह दी गई है। इसे अक्टूबर 2014 में बेस्ट कंट्रीब्यूशन टु अकेडिमिया के लिए फिक्की केमिकल्स एवं पेट्रोकेमिकल्स अवार्ड भी प्राप्त हुआ है। कंपनी ने इंक इंडिया अवार्ड फार इनोवेशन इन प्रोडक्टःमोर्टार एवं इनोवेटिव लाजिस्टिक्स मैनेजमेंट भी प्राप्त हुआ है।
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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