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लेखाकार देश की तिजोरी के रखवाले : राम नाईक
लखनऊ, 14 अक्टूबर (आईएएनएस/आईपीएन)। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने शनिवार को कहा कि लेखाधिकारी एवं लेखाकार सरकार की रीढ़ और देश की तिजोरी के रखवाले हैं।
प्रभागीय लेखा/लेखाकार संघ के 26वें द्विवार्षिक अधिवेशन में राज्यपाल ने कहा कि सरकारी ढांचे में लेखाधिकारी एवं लेखाकारों की मुख्य भूमिका होती है, वे देश की तिजोरी के रखवाले हैं। इस भूमिका में यह उनका दायित्व है कि उचित वित्तीय प्रबंध हो।
उन्होंने कहा कि आर्थिक नियोजन में लेखा संवर्ग का महत्वपूर्ण रोल होता है। लेखाधिकारी एवं लेखाकार अपने दायित्व का नियमानुसार निर्वहन करें। कार्य में बिना वजह बाधा न डालें, समय पर उसका निराकरण करें।
नाईक ने कहा कि सूचना एवं प्रौद्योगिकी के युग में कम्प्यूटर एवं ऑनलाइन सेवा का समय है। ऐसे में अद्यतन ज्ञान का होना भी आवश्यक है। लेखा से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों का दायित्व होता है कि वे आय-व्यय का नियमानुसार एवं उचित रख-रखाव करें।
महालेखाकार मोनिका वर्मा ने विभागीय अधिकारियों को सहयोग का आश्वासन देते हुए कहा कि लक्ष्य के अनुसार काम करें और अद्यतन जानकारी रखें। लेखा कार्य में पारदर्शिता होनी चाहिए। कार्य पालन में समय प्रबंधन का ध्यान जरूर रखें।
राज्यपाल ने इस अवसर पर विभागीय पत्रिका ‘त्रिवेणी’ का लोकार्पण भी किया।
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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर कही बड़ी बात
कर्नाटक। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिनमें दावा किया गया था कि राज्य सरकार नौकरियों में मुस्लिम आरक्षण के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने रिपोर्टों को एक और नया झूठ बताया। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में स्पष्ट किया कि आरक्षण की मांग की गई है लेकिन इस संबंध में सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यह स्पष्टीकरण कर्नाटक में मुसलमानों के लिए आरक्षण के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच आया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने जारी किया बयान
मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘कुछ मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है कि नौकरियों में मुसलमानों को आरक्षण देने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष है। इसमें कहा गया है कि मुस्लिम आरक्षण की मांग की गई है, हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि इस संबंध में सरकार के समक्ष कोई प्रस्ताव नहीं है।’
4% कोटा, जो श्रेणी-2बी के अंतर्गत आता, सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों के लिए समग्र आरक्षण को 47% तक बढ़ा देता। कर्नाटक का वर्तमान आवंटन विशिष्ट सामाजिक समूहों के लिए सरकारी ठेकों का 43% आरक्षित रखता है: एससी/एसटी ठेकेदारों के लिए 24%, श्रेणी-1 ओबीसी के लिए 4%, और श्रेणी-2ए ओबीसी के लिए 15% है।
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव, नसीर अहमद, आवास और वक्फ मंत्री बीजे ज़मीर अहमद खान और अन्य मुस्लिम विधायकों के साथ, 24 अगस्त को एक पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें अनुबंधों में मुसलमानों के लिए 4% आरक्षण का अनुरोध किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि सिद्धारमैया ने वित्त विभाग को उसी दिन प्रस्ताव की समीक्षा करने का निर्देश दिया था, कथित तौर पर उन्होंने इस मामले से संबंधित कर्नाटक सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन का भी समर्थन किया था।
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