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मिसाइल मैन ‘कलाम’ की वो दस बातें, जो बदल सकती है आपकी तकदीर

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नई दिल्ली। भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का नाम दिलोंदिमाग में आते ही एक ऐसे शख्‍स की छवि दिमाग में आती है जिसकी बराबरी दुनिया में कभी कोई नहीं कर सका। कभी एपीजे तो कभी मिसाइल मैन के नाम से संबोधित किए जाने वाले अब्‍दुल कलाम की सादगी का हर कोई कायल था।

उनकी सादगी में उस वक्‍त भी कोई बदलाव नहीं आया जब उन्‍होंने देश के राष्‍ट्रपति का पदभार संभाला था। राष्‍ट्रपति पद पर रहते हुए भी वह भारत को मिसाइल तकनीक में कैसे और अधिक विकसित बना सकते हैं, के लिए वैज्ञानिकों से चर्चा करते थे।

 

 अब्दुल कलाम हमेशा से देश के लिए एक प्रेरणास्त्रोत रहे है ऐसे में आज हम उनके द्वारा कही उन बातों से आपको रूबरू करवाएंगे जिसे आपको जरुर से जरुर पढना चाहिए-

  • बारिश की दौरान सारे पक्षी आश्रय की तलाश करते है लेकिन बाज़ बादलों के ऊपर उडकर बारिश को ही अवॉयड कर देते है। समस्याए कॉमन है, लेकिन आपका एटीट्यूड इनमे डिफरेंस पैदा करता है।
  • शिखर तक पहुँचने के लिए ताकत चाहिए होती है, चाहे वो माउन्ट एवरेस्ट का शिखर हो या कोई दूसरा लक्ष्य|
  • इंसान को कठिनाइयों की आवश्यकता होती है, क्योंकि सफलता का आनंद उठाने कि लिए ये ज़रूरी हैं| जब हम कठिनाइयों का सामना करते हैं तो हम अपने भीतर छिपे साहस के असीमित भण्डार को खोज पाते हैं| जब हम असफल होते हैं, तभी हमें यह अहसास हो पाता हैं कि संसाधन हमारे पास हमेशा होते हैं, हमें केवल उन्हें खोजने और आगे बढ़ने की आवश्यकता होती हैं|
  • हम सभी के पास एक समान प्रतिभा नहीं होती, लेकिन हम सभी के पास अपनी प्रतिभा को विकसित करने समान अवसर होते हैं|
  • किसी भी धर्म में किसी धर्म को बनाए रखने और बढाने के लिए दूसरों को मारना नहीं बताया गया|
  • अंग्रेजी आवश्यक है क्योंकि वर्तमान में विज्ञान के मूल काम अंग्रेजी में हैं| मेरा विश्वास है कि अगले दो दशक में विज्ञान के मूल काम हमारी भाषाओँ में आने शुरू हो जायेंगे, तब हम जापानियों की तरह आगे बढ़ सकेंगे|
  • मैं हमेशा इस बात को स्वीकार करने के लिए तैयार था कि मैं कुछ चीजें नहीं बदल सकता|
  • अगर किसी देश को भ्रष्टाचार – मुक्त और सुन्दर-मन वाले लोगों का देश बनाना है तो, मेरा दृढ़तापूर्वक मानना है कि समाज के तीन प्रमुख सदस्य ये कर सकते हैं- पिता, माता और गुरु|

  • इससे पहले कि सपने सच हों आपको सपने देखने होंगे|

  • अगर आप सूर्य की तरह चमकना चाहते हो, तो पहले सूर्य की तरह जलना सीखो|

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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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