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उप्र : 10 हजार का इनामी विनोद जाट गिरफ्तार

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लखनऊ, 15 अक्टूबर (आईएएनएस/आईपीएन)। उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने कुख्यात व 10 हजार के इनामी विनोद जाट उर्फ विनोद पहलवान को जनपद आगरा के थाना कागरोल इलाके से गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है।

राजस्थान के भरतपुर निवासी बदमाश विनोद जाट के पास से मथुरा से लूटी गई एक कार बरामद हुई है। (22:35)
यूपी एसटीएफ के एसएसपी अभिषेक सिंह ने रविवार को बताया कि एसटीएफ ने आगरा में वारदातों को अंजाम देने वाले 10 हजार रुपये के इनामी बदमाश विनोद जाट उर्फ विनोद पहलवान को मुखबिर की सूचना पर कल कागरोल क्षेत्र में जंदरा चौराहा के पास से गिरफ्तार किया।

गिरफ्तार अभियुक्त ने पूछताछ पर बताया कि वह कक्षा-8 तक पढ़ा है। उसने प्रधानी चुनाव की रंजिश में अपने मित्र वीरपाल की हत्या कर दी। इस मामले में उसे 12 वर्ष की सजा हुई, जिसे काटने के बाद वह बाहर आया और फिर अपराध जगत में सक्रिय हो गया। उसके विरुद्ध राजस्थान के विभिन्न जनपदों में कई मामले पंजीकृत हैं।

आरोपी ने स्वीकार किया कि उसने बीती अगस्त में आगरा के थाना कागरौल में मोहकम सिंह उर्फ भूरी की हत्या की थी। इस मामले में उसकी गिरफ्तारी पर 10,000 रुपये का पुरस्कार घोषित किया गया था। उसने बताया कि उसके पास से बरामद क्रेटा कार ताज एक्सप्रेसवे पर उसके 50-50 हजार के इनामी साथी विनोद चौधरी व जितेंद्र चौधरी उर्फ कंजा ने लूटी थी। विनोद जाट के खिलाफ पुलिस कार्रवाई कर रही है।

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नेशनल

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर कही बड़ी बात

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कर्नाटक। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिनमें दावा किया गया था कि राज्य सरकार नौकरियों में मुस्लिम आरक्षण के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने रिपोर्टों को एक और नया झूठ बताया। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में स्पष्ट किया कि आरक्षण की मांग की गई है लेकिन इस संबंध में सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यह स्पष्टीकरण कर्नाटक में मुसलमानों के लिए आरक्षण के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच आया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने जारी किया बयान

मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘कुछ मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है कि नौकरियों में मुसलमानों को आरक्षण देने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष है। इसमें कहा गया है कि मुस्लिम आरक्षण की मांग की गई है, हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि इस संबंध में सरकार के समक्ष कोई प्रस्ताव नहीं है।’

4% कोटा, जो श्रेणी-2बी के अंतर्गत आता, सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों के लिए समग्र आरक्षण को 47% तक बढ़ा देता। कर्नाटक का वर्तमान आवंटन विशिष्ट सामाजिक समूहों के लिए सरकारी ठेकों का 43% आरक्षित रखता है: एससी/एसटी ठेकेदारों के लिए 24%, श्रेणी-1 ओबीसी के लिए 4%, और श्रेणी-2ए ओबीसी के लिए 15% है।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव, नसीर अहमद, आवास और वक्फ मंत्री बीजे ज़मीर अहमद खान और अन्य मुस्लिम विधायकों के साथ, 24 अगस्त को एक पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें अनुबंधों में मुसलमानों के लिए 4% आरक्षण का अनुरोध किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि सिद्धारमैया ने वित्त विभाग को उसी दिन प्रस्ताव की समीक्षा करने का निर्देश दिया था, कथित तौर पर उन्होंने इस मामले से संबंधित कर्नाटक सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन का भी समर्थन किया था।

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