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बिजनेस

टीवाईजीआर ने लॉजिस्टिक जरूरतों को पूरा करने वाला एप उतारा

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नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)| फेसबुक और दुनिया की जानी मानी प्रौद्योगिकी कंपनियों जैसे नैसकॉम द्वारा समर्थित नवाचार संचालित ओमनी-ट्रांसपोर्ट लॉजिस्टिक्स ऑपरेटर टीवाईजीआर ने भारतीय बाजार में अपना एंड्रायड एप लांच किया। इस एप पर हर तरह की जरूरतों को पूरा करने के लिए वाहन उपलब्ध हैं, जिनमें कारें, वैन, ऑटोरिक्शा, शटल, बस शामिल है। इसमें माल ढुलाई के लिए बाइक, ट्रक और डिलिवरी वैन भी है। कंपनी ने एक बयान में यह जानकारी दी और कहा कि आईओएस के लिए भी एप जल्द ही लांच किया जाएगा। कंपनी ने अगले तीन महीनों में माल ढुलाई सेवा शुरू करने की योजना बनाई है।

टीवाईजीआर किफायती एंड-टू-एंड लॉजिस्टिक्स समाधान प्रदान करता है। इस एप का इंटरफेस काफी सहज है और इस पर ना तो कोई सर्ज चार्ज और ना ही कोई पीक ऑवर चार्ज वसूला जाता है। इस एप के द्वारा यात्रा करने या सामान ढुलाई करवाने पर गाड़ी के मीटर से ही चार्ज लगता है। साथ ही इसकी भुगतान संरचना भी काफी सुविधाजनक है।

बड़े सामानों की एक शहर से दूसरे शहर तक ढुलाई के लिए ट्रक, ट्रेलर और बड़े ट्रक उपलब्ध हैं। साथ ही इस पर एंबुलेस, टोइंग वाहन, पैकर्स और मूवर्स के साथ कोच, वैन और लिमोजिन जैसे विशेष वाहन भी उपलब्ध हैं।

टीवाईजीएस के वाहनों में कैशलेस भुगतान की सुविधा है। इनमें मोबाइल वॉलेट, पीओएस आधारित क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड भुगतान शामिल है। इस प्लेटफार्म पर वाहन चालक के साथ तय की गई कीमत पर सीधे उसे भुगतान भी किया जा सकता है। यह प्लेटफार्म सटीक और निष्पक्ष अनुमान प्रदान करता है जो पूरे दिन एकसमान होता है।

टीवाईजीआर ने हाल ही में मुंबई, कोलकाता, इंदौर और रांची में अपनी सेवाएं शुरू की है और बेंगलुरू में अपनी यात्री सेवा का विस्तार करने जा रही है। इस साथ ही कंपनी की नजर अगले 12 महीनों में दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में भी अपनी सेवा शुरू करने पर है।

टीवाईजीआर के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी आदित्य पोद्दार हैं, जिन्हें लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में कारोबार का दो दशकों का अंतर्राष्ट्रीय अनुभव है। टीआईजीआर को कई टैक्सी यूनियनों के साथ-साथ देश भर के राज्य परिवहन विभागों द्वारा अनुमोदित किया गया है।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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