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बिजनेस

एडाएक्वेयर को जीएसटी सुविधा प्रदाता चुना गया

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नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)| साफ्टवेयर कंपनी एडाएक्वेयर इनफो प्राइवेट लिमिटेड को जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) द्वारा जीएसटी सुविधा प्रदाता (जीएसपी) के रूप में चुना गया है।

कम्पनी अब बड़े निगमों, मध्यम उद्यमों एवं एसएमई, कर व्यवसायियों एवं सूक्ष्म कारोबारियों को अत्याधुनिक कर एवं रीटेल समाधानों के लिए जीएसटी सेवाएं मुहैया कराएगी। कंपनी ने एक बयान में कहा कि वह इलास्टिक स्केलिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम ये 10 करोड़ इनवॉयस प्रति घंटा तक हैंडल कर सकती है, ऐसे में यह मासिक जीएसटी फाइलिंग के आखिरी दिनों के दौरान अधिकतम मांग को भी पूरा करने में सक्षम है।

एडाएक्वेयर ने 69 कम्पनियों में अपनी वित्तीय क्षमता प्रदर्शित करते हुए अपने आप को इस क्षेत्र में एक विशेषज्ञ के रूप में स्थापित किया है, जिन्होंने अपने समाधान जीएसटीएन के समक्ष प्रस्तुत किए। जीएसटीएन भारत में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कराधान प्रणाली के लिए नोडल एजेंसी है। जीएसटीएन द्वारा घोषित जीएसपी का दूसरा बैच जीएसटी के तहत प्रत्यक्ष इनवॉयसेज के चैनलीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

एडाएक्वेयर के सीईओ एवं बोर्ड अध्यक्ष पवन पीचारा ने कहा, हम उद्योग सॉफ्टवेयर के माध्यम से कई उद्यमों को जीएसटी सुविधा प्रदाता के रूप में अपनी सेवाओं से लाभान्वित करना चाहते हैं जिसमें बहुराष्ट्रीय बैंक, लॉजिस्टिक्स एवं कार्गो कम्पनियां, अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय फर्मे, बीमा कम्पनियां, एफएमसीजी एवं वितरण कम्पनियां शामिल हैं।

उन्होंने कहा, इन सेवाओं के अलावा हमने इंटेग्रेटेड ऑर्डर मैनेजमेन्ट, बिलिंग एवं पीओएस समाधानों के साथ उद्योग जगत में बेंचमार्क स्थापित किया है, जो ई-कॉमर्स एवं फिजिकल स्टोर्स में रीटेल से जुड़े विभिन्न पहलुओं के प्रबंधन में मददगार होंगे। हम जीएसपी के रूप में अपनी अनूठी पेशकशों के जरिए करदाताओं और जीएसटी प्रणाली को बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराएंगे।

जीएसपी को करदाताओं एवं अन्य हितधारकों के लिए ऐसे तकनीकी समाधान पेश करने होते हैं जिसके द्वारा पंजीकरण से लेकर इनवॉयस विवरण और रिटर्न फाइलिंग तक – जीएसटी से जुड़ी सभी प्रक्रियाएं आसान हो जाएं।

कम्पनी की नई पेशकश में एन कम्प्लाई, यू जीएसटी बिलिंग, वीयू जीएसटी, टैक्सिला, एड टैक्स, ट्रांजै़क्टर और बी2बी अनुप्रयोग शामिल हैं जो विभिन्न आकारों के कारोबारों की जरूरतों के अनुसार जीएसटी समाधान उपलब्ध कराते हैं।

एडाएक्वेयर 1993 से कर प्रोद्यौगिकी में अग्रणी बना हुआ है और छोटे कारोबारों से लेकर बड़े एवं बहु-राष्ट्रीय संगठनों तक 14,000 से अधिक उपभोक्ताओं को अपनी सेवाएं प्रदान करता है।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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