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बिजनेस

रिलायंस निप्पॉन लाइफ का आईपीओ 25 अक्टूबर को

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नई दिल्ली/चेन्नई/कोलकाता, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)| रिलायंस निप्पॉन लाइफ एसेट मैनेजमेंट लि. ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिए करीब 165 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है, जिसका उपयोग कंपनी अपने वितरण नेटवर्क के विस्तार और अधिग्रहण पर करेगी। यह आईपीओ 25 अक्टूबर को खुलेगा।

रिलायंस निप्पॉन लाइफ एसेट मैनेजमेंट समूह के प्रमुख (उत्पादन प्रबंधन समूह) अरुण सुंदरेशन ने चेन्नई में संवाददाताओं से कहा कि कंपनी तीन या चार नई योजनाएं लांच कर सकती है, जबकि म्यूचुअल फंड योजनाओं के युक्तिकरण पर भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के परिपत्र का पालन करने के लिए चार फंडों को मिला दिया जा सकता है।

रिलायंस निप्पॉन लाइफ एसेट का आईपीओ 25 अक्टूबर को खुलेगा तथा 27 अक्टूबर को बंद होगा। इस आईपीओ के तहत कुच 6,12,00,000 शेयर जारी किए जाएंगे, जिसमें फ्रेश इश्यु के साथ ऑफर फॉर सेल शेयर भी शामिल हैं।

कंपनी ने इन शेयरों का प्राइस बैंड 247 रुपये से 252 रुपये प्रति शेयर तय किया है, जिसकी फेस वैल्यु 10 रुपये प्रति शेयर होगी।

सुंदरेशन ने कहा, आईपीओ की आय का उपयोग अधिग्रहण के माध्यम से कंपनी के विस्तार और शाखाओं के नेटवर्क के विस्तार पर किया जाएगा।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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