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मप्र में पिट रही पुलिस, किसी को बचाए कैसे

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भोपाल, 24 अक्टूबर (आईएएनएस)| बचपन में चोर-सिपाही का खेल हर किसी ने खेला होगा, इसमें सिपाही द्वारा चोर को पकड़ने की हर संभव कोशिश करता है और चोर पीछे से सिपाही पर थप्पा (हाथ के पंजे से वार) मारता है, मगर इन दिनों मध्य प्रदेश में बदमाश पुलिस को सिर्फ थप्पा नहीं मार रहे हैं, बल्कि पीट रहे हैं और हत्या तक कर दे रहे हैं।

वहीं सरकार पुलिस की कार्यशैली को ही कटघरे में खड़ा कर रही है। सवाल उठ रहे हैं कि जब पुलिस का बदमाशों ने ये हाल कर रखा होगा, तो आम आदमी का क्या हो रहा होगा।

राज्य में बीते एक सप्ताह के दौरान बदमाशों ने चार स्थानों पर पुलिस जवानों पर हमले किए हैं, उनमें से एक मामले में तो जवान की जान तक चली गई। ये घटनाएं इशारा कर रही हैं कि राज्य में खाकी का खौफ कम हो चला है और बदमाश पूरी तरह बेखौफ हो गए हैं।

पूर्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विजय वाते ने कहा, पुलिस पर हमेशा हमले होते रहे हैं, कभी डकैत तो कभी तस्कर और अपराधी हमला बोल देते थे। ऐसा एकाध बार ही होता था, कभी लगातार इस तरह की घटनाएं नहीं हुई, मगर बीते सप्ताह में चार बार इस तरह की घटनाएं बताती हैं कि पुलिस का खौफ अपराधियों में कम हो रहा है।

वे आगे कहते हैं कि पुलिस जवानों पर हमले की घटनाएं बताती हैं कि राज्य में कानून का राज नहीं रहा, इससे आम आदमी में असुरक्षा की भावना बढ़ेगी, क्योंकि जब पुलिस ही सुरक्षित नहीं है तो उनका क्या होगा।

हाल में हुई घटनाओं पर गौर किया जाए, तो छतरपुर के कोतवाली थाना क्षेत्र में जुआरियों को पकड़ने गए पुलिस जवान बाल मुकुंद प्रजापति को बदमाशों ने गोली मार दी, जिससे वह शहीद हो गए।

इसके अलावा बड़वानी के ओझर चौकी के कुकुड़वा बेड़ा गांव में बदमाशों को पकड़ने गए जगदीश वासले पर उनलोगों ने हमला कर दिया, जिसमें जगदीश घायल हो गया। इन दो घटनाओं के बाद तीसरी घटना झाबुआ जिले के कल्याणपुरा थाने के अतरवेलिया में हुई, जहां बदमाशों ने पुलिस जवान जगदीश मेरावत पर धारदार हथियार से हमला कर उनका एक हाथ काट दिया। उनका इलाज चल रहा है।

नया मामला रविवार मध्यरात्रि का है। चिमनगंज थाने के जवान आत्माराम पर अज्ञात लोगों ने हमला कर दिया। इतना ही नहीं, डायल 100 की गाड़ी में तोड़फोड़ भी की गई।

दिवाली के बाद की चार घटनाएं यह बताने के लिए काफी हैं कि राज्य में बदमाशों का दबदबा है और वे पुलिस तक को नहीं बख्श रहे हैं।

प्रदेश में खनन माफिया द्वारा भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी नरेंद्र कुमार को मुरैना में टैक्टर से कुचलकर मार दिए जाने को लोग अभी भूले नहीं हैं। इसके अलावा भी कई स्थानों पर वन व पुलिस विभाग पर खनन माफिया आए दिन हमले करते रहते हैं।

इन घटनाओं को लेकर राज्य के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह का अपना ही तर्क है। उनका कहना है, कई बार पुलिस को अपराधियों की संख्या का अनुमान नहीं होता, और इसी बात का बदमाश लाभ उठाते हैं। पुलिस बल के जवानों के वहां कम संख्या में पहुंचने पर बदमाश उन पर हमला बोल देते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि पुलिस बल को रात-दिन बदमाशों से जूझना होता है और कई बार तो वे अपने जीवन को ही दांव पर लगा देते हैं। पुलिस इन हालात से कैसे निपटे, इसकी कार्ययोजना बनाई जा रही है।

समाज की रक्षक मानी जाने वाली पुलिस का हाल ऐसा क्यों हो रहा है, यह सरकार और पुलिस अफसरों के लिए समीक्षा का विषय बन गया है। जानकारों की मानें तो अगर इसे गंभीरता से नहीं लिया गया तो राज्य में अपराधियों और समाज विरोधी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने से पुलिस जवान कतराने लगेंगे, क्योंकि मौके पर तो जवान ही जाता है, अफसर नहीं। यह स्थितियां राज्य में बढ़ती अराजकता को भी जाहिर करती है।

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मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

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नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।

गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।

 

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